आदर्श आचरण संहिता का पालन सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी करें सुनिश्चित
शासकीय कर्मचारी निष्पक्ष होकर कार्य करें, किसी भी चुनाव अभियान या प्रचार में न लेवें भाग

निर्वाचन अवधि में सभी कर्मचारी निर्वाचन आयोग के अधीन प्रतिनियुक्ति पर समझे जायेगें
गुना 10 अक्टूबर 2023
गुना जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 28-बमोरी, 29-गुना (अ.जा.), 30-चांचौड़ा एवं 31-राधौगढ़ के विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिये भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम अनुसार दिनांक 09 अक्टूबर 2023 से आदर्श आचरण संहिता सम्पूर्ण गुना जिले मे प्रभावशील हो चुकी है तथा दिनांक 17 नवंबर 2023 को मतदान होगा।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरूण राठी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग एवं म0प्र0 शासन सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार विभिन्न बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही करने एवं उनका पालन सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए हैं। जारी आदेश अनुसार शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। यह आवश्यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने दे कि वे निष्पक्ष नही है। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नही करना चाहिए जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीवार की मदद कर रहे है। संक्षेप में शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नही लेना चाहिए तथा उन्हें यह देखना चाहिए कि उनकी सरकार में हैसियत या अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करना मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानों के विपरीत है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 एवं 134-क की ओर विशेष रूप से आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निर्वाचन के दौरान अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करेंगे और न मत डालने में कोई असर डालेंगे। इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नही कर सकता है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951की धारा 28-क के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिए नियोजित समस्त अधिकारी कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जाऐंगे और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण,अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेंगे।
निर्वाचन में सशक्त पदीय कर्तव्य को सुनियोजित तरीके से जिम्मेदारीपूर्वक करना विधि द्वारा उपेक्षित कर्तव्य है, जिसकी अवहेलना शासकीय सेवक को दण्ड का पात्र बनाती है।
चुनाव की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की अवधि में मंत्रियों के यात्रा के दौरों के सिलसिले में शासन द्वारा निम्न आदेश प्रसारित किए गए है।
• यहां स्पष्ट किया जाता है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश क्रमांक 437/6/19/पी.एल.एन.-111/2619 दिनांक 17.01.1996 के अनुसार निर्वाचन की घोषणा दिनांक से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक की अवधि में केन्द्र या राज्य शासन के कोई मंत्री किसी ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरा नही करेंगे, जिसमें निर्वाचन की घोषणा हो चुकी है (केवल प्राकृतिक आपदा स्थितियों को छोडकर) निर्वाचन आयोग के उल्लेखित आदेश का उद्वरण निम्नानुसार है।
यदि मंत्री संस्था या पार्टी की और से आम सभा आयोजित करते है तो सभा की व्यवस्था नही की जाए, केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित किया जाएगा।
यदि कोई मंत्री चुनाव के काम के लिए कहीं जाते है, तो शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नही जाएंगे।
उन अधिकारियों को छोडकर, जिन्हे ऐसे सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था के लिए, सुरक्षा के लिए या कार्यवाही नोट करने के लिए तैनात किया गया हो, दूसरे अधिकारियों को ऐसी सभा या आयोजन में शामिल नही होना चाहिए।
जब किसी मंत्री को निजी मकान पर खाने-पीने के लिए आमंत्रित किया जाता है तो कोई शासकीय अधिकारी या कर्मचारी उसमें शामिल न हो।
उपरोक्तानुसार आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी इसका पालन सुनिश्चित करें। यह आदर्श आचरण संहिता दिनांक 09 अक्टूबर 2023 से 05 दिसंबर 2023 तक प्रभावशील रहेगी।










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