रायसेन शहर में 90 से ज्यादा स्थानों पर शुभ मुहूर्त में विराजे गणपति बप्पा…महिलाओं ने ऋषि पंचमी का पर्व

रायसेन शहर में 90 से ज्यादा स्थानों पर शुभ मुहूर्त में विराजे गणपति बप्पा…महिलाओं ने ऋषि पंचमी का पर्व

 

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

 

लोकेशन रायसेन

 

रायसेन।गणेश चतुर्थी पर्व मंगलवार को रवि योग में मनाया गया।वहीं भाद्र पद की पंचमी पर महिलाओं द्वारा ऋषि पंचमी श्रद्धाभक्ति के माहौल में मनाया।महिलाओं ने व्रत रखें और घर घर भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती की उपासना के महत्व की कथा कहानी सुनीं।उन्होंने परिवार की खुशहाली सुख शांति सम्रद्धि की कामना भगवान महादेव पार्वती से की।

विद्वानों ने सोमवार को ही शुभ मुहूर्त में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की सलाह दी है। शहर में 90 से ज्यादा सार्वजनिक स्थानों पर शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं की स्थापना की ।इस बार शहर में प्रतिमा बनाने के लिए अधिकतर कलाकारों ने मिट्‌टी का ही प्रयोग किया है। भगवान गणेश की ये प्रतिमाएं 4 फीट से लेकर 12 फीट तक ऊंचाई की हैं।

 

घरों में भी मिट्‌टी से बनी गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की …..

 

सोमवार को हरतालिका तीज सोमवार को मनाई गई ।शहर में हरतालिका तीज धूमधाम से सोमवार को मनाई गई। व्रतधारी महिलाओं ने घरों के अलावा शहर के शिव मंदिरों में भी तीज का सामूहिक पूजन की।जहां महिलाएं पूजना-अर्चना कर रात्रि जागरण किया। पंडितों का कहना है कि अखंड सौभाग्य का प्रतीक हरतालिका तीज एंद्रे, बुद्धादित्य और रवियोग के शुभत्व मे गई।

कलाकारों ने दिया प्रतिमाओं को अंतिम रूप ….

शहर के मूर्तिकारों के घर दुकानों पर गणेश भगवान की एक से बढ़कर मूर्तियों को अंतिम रूप देने का क्रम देर रात तक चलता रहा।

शहर के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार लखन चक्रवर्ती, राधेश्याम घनश्याम चक्रवर्ती पाटनदेव के सुनील महोबिया गोंविन्द चक्रवर्ती तुलसी प्रजापति ने बताया कि उन्होंने ने बताया कि मूर्तिकारों ने बताया कि कोलकाता से आए मूर्तिकार मिलन पाल ने बताया कि इस बार मिट्‌टी, घास, कांस, बांस, रीफ, रस्सी, सुतली आदि की सहायता से बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण किया जा गया है। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल भी किया गया है।

 

स्थिर लग्न और अभिजित मुहूर्त में घर-घर में विराजेंभगवान श्री गणेश ….

धर्मशास्त्त्रि पंडित ओमप्रकाश शुक्ला संतोष शास्त्री राममोहन चतुर्वेदी, मुकेश भार्गव ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को मध्याह्र के समय विघ्न विनायक भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। अतः यह तिथि मध्याह्र व्यापिनी लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हरतालिका व्रत एवं श्री गणेश चतुर्थी का व्रत एक साथ 18 सितंबर सोमवार को किया जाएगा। दिन में भगवान श्री गणेश जी की स्थापना पूजन होगा, वहीं महिलाएं रात्रि में भगवान शिव का चार पहर का पूजन करके हरतालिका व्रत रखा।

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