भद्रा के कारण दो दिन मनेगा रक्षाबंधन पर्व: 30 अगस्त की रात से 31 अगस्त की सुबह तक विशेष योग, रक्षाबंधन पर 200 वर्ष बाद अद्भुत संयोग, बन रहे कई योग सुबह लग जाएगी पूर्णिमा तिथि

भद्रा के कारण दो दिन मनेगा रक्षाबंधन पर्व: 30 अगस्त की रात से 31 अगस्त की सुबह तक विशेष योग,
रक्षाबंधन पर 200 वर्ष बाद अद्भुत संयोग, बन रहे कई योग
सुबह लग जाएगी पूर्णिमा तिथि

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन

रायसेन।रक्षाबंधन को भाई-बहन के प्रेम और सद्भाव के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने लाड़ले भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसके बदले में भाई अपनी बहन को उपहार भेंट देता है एवं आजीवन उसकी रक्षा का वचन भी देता है। अच्छे मुहूर्त अथवा भद्रारहित काल में भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। हालांकि इस बार भाई बहन के प्यार का पर्व रक्षाबंधन दो दिन मनाया जाएगा। भद्रा के कारण 30 और 31 अगस्त को इस बार बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी।

भद्रा के साथ ग्रहों का अद्भुत संयोग ….
भद्रा के साथ ग्रहों का अद्भुत संयोग भी बन रहा है। 31 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में सिंह लग्न में सूर्य और बुध का बुधादित्य योग बन रहा है। 200 साल बाद शनि और गुरु ग्रह वक्री अवस्था में अपनी स्वराशि में विराजमान रहेंगे। वहीं 24 साल बाद रवि योग के साथ बुधादित्य योग और शतभिषा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार 31 अगस्त को सुबह 4 बजकर 35 मिनट से सुबह सात बजकर एक मिनट तक बुधादित्य योग रहेगा। इस समय बहनें यदि भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी तो भाइयों के लिए बेहद शुभकारी होगा।

पंडित मुकेश भार्गव, राममोहन चतुर्वेदी के अनुसार इस मुहूर्त में राखी बांधना भाइयों के लिए विजय और उन्नति वाला होगा।हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लगने के साथ ही भद्रा लग जाएगी जो रात को नौ बजकर 1 मिनट तक रहेगी। वहीं दूसरी तरफ श्रावण पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 7 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। 30 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त रात 9 बजकर एक मिनट से लेकर 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर एक मिनट तक है।

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