जैविक खेती अपनाकर कम लागत में अधिक मुनाफा कमाएं किसान- स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ sj न्यूज़ एमपी रायसेन

लोकेशन:- रायसेन

रायसेन स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला एवं प्रदर्शनी का कन्यापूजन और दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान खुशहाल हों, सम्पन्न हों, समृद्ध हों, उनकी आय बढ़े इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।


स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि किसानों को उन्नत और जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रगतिशील किसानों के खेतों और कृषि विज्ञान केन्द्रों का भ्रमण कराकर, कृषि विज्ञान मेला, विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि के माध्यम से किसानों को खेती की उन्नत, नई तकनीकों की जानकारी देते हुए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान भाई जैविक खेती को अपनाएं, इसमें लागत कम होती है तथा मुनाफा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल भी बनाया गया है, जिसमें जैविक खेती करने वाले किसान पंजीयन करा सकते हैं। सरकार द्वारा जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रशिक्षण सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मोटे अनाज के उपयोग को दिया जा रहा है बढ़ावा

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुरूप मोटे अनाज (मिलेट) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें उन्नत बीज के साथ ही उन्नत कृषि तकनीकी संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। नागरिकों को भी अपने आहार में मोटे अनाज को शामिल करने के लिए जागरूक किया जाएगा। सरकार किसानों की आमदानी बढ़ाने और खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है। उन्नत खाद और बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लगातार सिंचाई के रकबे में वृद्धि की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

उद्यानिकी, नगदी फसलों की खेती अपनाएं किसान भाई- जिला पंचायत अध्यक्ष

जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता है। किसानों की आय में वृद्धि के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। किसानों को परम्परागत खेती के अलावा उद्यानिकी, नगदी फसलों की खेती भी करनी चाहिए। जिले में टमाटर की बहुतायात में खेती की जाती है तथा जिले का टमाटर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी भेजा जा रहा है। जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। इसके अलावा जिले की बासमती धान विदेशों में भी निर्यात की जा रही है। किसान भाई जैविक, प्राकृतिक खेती अपनाएं, उन्नत तकनीकों का उपयोग करें। इससे कम लागत में अधिक मुनाफा मिलेगा तथा किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। 

कार्यक्रम में कलेक्टर  अरविंद दुबे ने कहा कि हमारा जिला कृषि प्रधान जिला है तथा कृषि के क्षेत्र में नित नई उन्नति कर रहा है। चाहे गेहूॅ हो, धान हो, मूंग हो, टमाटर हो या अन्य उद्यानिकी फसलें हों, उनकी उत्पादकता में लगातार वृद्धि हो रही है। जिले से टमाटर का अनेक प्रदेशों में निर्यात किया जा रहा है। जिले में उत्पादित धान की भी अन्य प्रदेशों तथा विदेशों में काफी मांग है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस तरह के कृषि विज्ञान मेलों और प्रदर्शनी में अधिक से अधिक सहभागिता करनी चाहिए। इससे उन्हें खेती की उन्नत और नई तकनीकों की जानकारी मिलती है। साथ ही प्रगतिशील किसानों से मिलकर उनसे सीखने का अवसर भी मिलता है।
कलेक्टर अरविंद दुबे ने कहा कि शासन द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में भी लगभग 900 से अधिक किसानों द्वारा जैविक खेती के लिए पंजीयन कराया गया है, जिन्हें कृषि विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण तथा तकनीकी जानकारी के साथ ही सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने किसानों से कहा कि परम्परागत खेती के अलावा किसान कुछ रकबे में उद्यानिकी, औषधीय फसलों की खेती करें। इससे उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा मिलेगा। 
किसानों को संबोधित करते हुए कलेक्टर अरविंद दुबे ने कहा कि खेती में अधिक मात्रा में रसायनिक दवाओं, कीटनाशकों का उपयोग करने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर तो पड़ता ही है। साथ ही मिट्टी की उर्वरकता शक्ति भी कम होती है। उन्होंने किसानों से कृषि फसल के अवशेषों, ठंठल, पराली नहीं जलाने की भी अपील करते हुए कहा कि इससे उर्वरक क्षमता कम होने के साथ ही कभी-कभी गंभीर दुर्घटनाएं भी हो जाती है। जिनमें जान-माल की हानि हो जाती है। फसल अवशेषों को जैविक तरीके से खाद में परिवर्तित किया जा सकता है। कलेक्टर अरविंद दुबे ने कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि योजना के तहत गॉवों तथा नगरों के वार्डो में कैम्प लगाकर फार्म भरे जाएंगे। किसी भी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि  एनपी सुमन द्वारा किसानों के लिए संचालित की जा रही अनेक योजनाओं तथा गतिविधियों की जानकारी दी गई। 

कृषि विज्ञान प्रदर्शनी का किया अवलोकन

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