ग्राम जलकुआ में,राजपूत समाज की अनोखी,पहल सर्व समाज साथ ,मिलकर ,मना रहे हैं,, गणगौर महापर्व चार पीढ़ी से,पिछड़ी जाति,के लोग ,अलग, से मनाते थे,

शेख आसिफ व्यूरो चीफ Sj न्यूज़ एमपी खंडवा

लोकेशन:- जलकुआ

ग्राम जलकुआ में,राजपूत समाज की अनोखी,पहल सर्व समाज साथ ,मिलकर ,मना रहे हैं,, गणगौर महापर्व चार पीढ़ी से,पिछड़ी जाति,के लोग ,अलग, से मनाते थे,गणगौर महापर्व खण्डवा//(अजय चन्द्रे) ग्राम जलकुआं में राजपूत समाज की अनोखी पहल ,,सर्व समाज को साथ लेकर ,,गणगौर महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है,, प्रतिदिन माता मंदिर में रोज रात्री में माता जी के भजन ,कीर्तन के साथ महिलाए, गाती ,बजाती है।। जलकुआ में पांच पीढ़ीयो से अलग, अलग, समाज द्वारा माताजी की स्थापना की जाती थी,, और अलग अलग ही विसर्जन किया जाता था।। मगर पुरानी ,रीति, रिवाज को छोड़ कर,राजपूत समाज द्वारा अब सर्व समाज मिलकर सामूहिक रूप से गणगौर महापर्व मनाया जा रहा है।।यह विचार गांव के ही, समाजसेवी एवं सभी के सुख ,दुख ,में साथ देने वाले संजय सिंह पवार ने अपने विचार ग्रामीणों और समाज जानो से साझा किए, सभी समाज जन अगर मिलकर ऊंच-नीच का भेदभाव छोड़कर धर्म के प्रति जागृत होकर , सद्भावना से गणगौर महापर्व साथ मिलकर मनाएं,,

पुराने रीति रिवाज को छोड़कर जो सब हिंदू भाई, परिवार जन, हम लोगों से बिछड़ा हुआ है, आज भी अपने आपको हमसे छोटी जाति का समझता है ,तो कहीं ना कहीं वह हमसे रूठ कर दूसरे धर्मों में चला जाता है,, इसलिए हम सभी मिलकर उन्हें अपनाएं एवं खुशी से शांति सौंदर्य से गणगौर महापर्व मनाए कहीं ना कहीं वह हमी लोगों की पुरानी रूढ़ीवादी ,जातिवाद ,,की वजह से परेशान रहे हैं ,,और अपने को हमसे छोटा समझ कर ऊच,,नीच,, का भाव उनके मन में पैदा हुआ है,, जबकि भगवान ने हम सभी को एक जैसा बनाया है,, सभी के शरीर के अंदर दौड़ने वाले रक्त का रंग एक जैसा है ,,तो फिर हम लोग क्यों जातिवाद में बटे हुए हैं,,

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