जैन समाज मे उत्साह से मनाया भगवान महावीर का जन्मोत्सव पर्युषण महापर्व का पांचवा दिन
अलीराजपुर ,,सभी दैनिक धार्मिक क्रियाओ की शुरुआत के साथ ही आज भगवान आदिनाथ व भगवान महावीर की बोलियां बोलकर धूमधाम ढोल नगाड़ों के साथ शंखनाद व मंत्र उच्चारण के साथ पूरे श्री संघ की उपस्थिति में प्रक्षालन किया गया
व्याख्यान वाचन में भगवान महावीर के जन्मवाचन कार्यक्रम के पूर्व समाज की जाजम बिछाई गई व मुनीम जी द्वारा बोलियां लिखने की बोली बोली गई।
लाभार्थी के द्वारा संपूर्ण जन्म वाचन कार्यक्रम की बोलीयो का लेखा-जोखा रखा जाएगा।
भगवान के पूर्व भव के साथ जीवन वृतांत का संपूर्ण वर्णन सुनते हुए जैसे ही भगवान महावीर का जन्म हुआ वैसे ही पूरा जैन समाज खुशी सेत झूम उठा। भगवान महावीर के जयकारे लगे व भगवान को पालने में विराजमान कर का हालरडा गाया गया। प्रभु के जन्म के पश्चात उन्हें पालने में विराजमान कर उनकी पूजा अर्चना प्रारंभ हुई पंजीरी चढ़ाई गई चवर नृत्य हुआ भजनों पर पूरा समाज झूम उठा।
प्रभु की आरती व मंगलदीपक करके सम्पूर्ण विश्व का मंगल हो ऐसी कामना की गई।
आज प्रातः से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ था दोपहर भगवान के जन्म के पश्चात मंदिर जी के द्वार खोलने की भी बोली लगाई गई जिसमें लाभार्थी परिवार द्वारा मंदिर का द्वार खोला गया। अद्भुत देवविमान की तरह सजा हुआ मंदिर व प्रभु आदिनाथ परमात्मा व भगवान महावीर की अंगरचना देखकर सभी समाजजन भाव विभोर होकर झूम उठे सभी समाज जनों को केसर के छापे लगाए गए तथा गुलाब जल का समाज जनों पर छिड़काव कर समाज जनों का व श्री संघ का बहुमन किया गया।
पश्चात सभी समाजजन महिला पुरुष वरघोडे के रूप में ढोल नगाड़ों के साथ भगवान महावीर के जयकारे लगाते हुए चले। महिलाएं सर पर 14 स्वप्न उठाए हुए चल रही थी सभी का उत्साह देखते ही बन रहा था।
वरघोड़े के समापन के पश्चात स्वामी वात्सल्य का आयोजन जैन श्री संघ के द्वारा श्री हेमेंद्रसुरी जैन भवन पर किया गया।
उक्त जानकारी जैन श्री संघ मीडिया प्रभारी निलेश जैन सपन जैन अल्पेश जैन ने उपलब्ध करवाई
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