हरदा मानसिकता की जड़ पर वार करती सिनर्जी संस्थान की बालिकाएं।
हरदा जिले में सिनर्जी संस्थान के नाम को निकिता और सीमा ने गर्व से रोशन कर दिया है, छोटी-छोटी बालिकाओं और महिलाओं द्वारा घर घर तक मानसिक रोग, घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक समस्याओं पर लगातार जागरूकता करके सत्र को लेकर के दोनो बच्चियों ने रिकॉर्ड बनाया है गांव में एक नई पहल का। वहीं अगर हम बात करें गांवो में लोगों की तो वह भी साथ नही देते न तो उन्हे रोजगार की समझ है और न ही अपने अधिकारों की।जिन बच्चियों ने सुसाइड जैसा कदम उठाकर मानसिकता पर चोट किया था ,आज वे लड़कियां भी सीमा के साथ है।आज भी गांव के लोग लड़कियो को घर से बाहर नहीं जाने देते,उनकी शिक्षा और सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते है,
अनावश्यक रूप से रोक टोक करते हुए लड़का और लड़की में बहुत भेदभाव करते है जिससे तंग आकर कई लड़कियो ने खुद के लिए कभी आवाज तक नहीं उठाई या उठाने से पीछे हटी है,किंतु बेरोजगारी के आगोश में तड़पती हुई महिलाए घरेलू हिंसा की भी शिकार है,रोजाना शराब पीकर कोई पुरुष अगर मारपीट करता है तो इसे कॉमन प्रॉब्लम समझकर के महिलाए आए दिन होने वाली जानलेवा घटनाओं को अपने जीवन का हिस्सा समझ लिया है,शराब की दुकान बंद नही होती,मजदूर वर्ग ने अपनी चिंताओं से मुक्त होने का जरिया शराब के वशीकरण को बना रखा है,मानसिक के साथ साथ शारीरिक परिवर्तन भी दिखाई देने लगते है लगभग सारा गांव ही मानसिक पीढ़ा की चपेट में है केवल कुछ घरों को छोड़कर।
सीमा ने अपनी आपबीती भी बताई कि किस तरह उसे महीनो का समय लग गया अपने ही परिवार का विश्वास हासिल करने में और एक बार उसके खुद के मन में भी सुसाइड करने का खयाल आया था लेकिन लगातार उड़ान टीम के सदस्यों के आवागमन और समझाइश की वजह से वो अपनी जिंदगी के नए आयाम मुखर करती हुई नजर आ रही है।डॉक्टर दर्शना द्वारा खुदिया क्षेत्र की तालीम अभी परखी जा रही है जो उड़ान टीम की एक साथी है और टीम के निर्देशन में सीमा और निकिता द्वारा संचालित कार्यक्रमों की सूची,नुक्कड़ नाटक,असुरक्षित टच पर बाकायदा चर्चा होते रहती है।
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