कलेक्टर अरविंद दुबे ने बरेली तथा उदयपुरा में राजस्व न्यायालय का किया आकस्मिक निरीक्षण भूमिधारकों व किसानों की भूमि के रिकार्ड की समग्र ई-केवायसी पूर्ण कराने के दिए निर्देश

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन

कलेक्टर अरविंद दुबे ने बरेली तथा उदयपुरा में राजस्व न्यायालय का किया आकस्मिक निरीक्षण भूमिधारकों व किसानों की भूमि के रिकार्ड की समग्र ई-केवायसी पूर्ण कराने के दिए निर्देश

रायसेन शासन की भूमि संबंधी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए शासन द्वारा कृषि भूमिधारकों व किसानों को अपनी भूमि के रिकार्ड की समग्र एवं खसरा आधारित ई-केवाईसी अनिवार्य की गई है। इस संबंध में बरेली स्थित शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में आयोजित बैठक में कलेक्टर अरविंद दुबे ने पटवारियों, पंचायत सचिवों तथा रोजगार सहायकों को निर्देश दिए कि सभी भूमिधारकों व किसानों के भूमि के रिकार्ड की समग्र एवं खसरा आधारित ई-केवायसी सुनिश्चित कराएं।

 बैठक में कलेक्टर अरविंद दुबे ने राजस्व महाअभियान 2.0 अंतर्गत राजस्व प्रकरणों के निराकरण की भी समीक्षा करते हुए राजस्व अधिकारियों को सीमांकन, बटांकन, नामातंरण आदि प्रकरणों का निराकरण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने पटवारियों, पंचायत सचिवों तथा रोजगार सहायकों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र में स्थित नदियों के जलस्तर पर नजर बनाए रखें। पुल-पुलियों पर पानी होने की स्थिति में नागरिक उन्हें पार ना करें, इसके लिए बैरिकेट्स लगवाएं और चौकीदार भी खड़े करें।

*समग्र ई-केवायसी एवं खसरा लिकिंग की प्रक्रिया*

 समग्र ई-केवाईसी एवं खसरा लिकिंग के लिए सर्वप्रथम समग्र पोर्टल samagra.gov.in ओपन करें। इसके बाद समग्र होम पेज में आपकी “समग्र प्रोफाईल अपडेट करें“। उक्त आप्शन में ई-केवाईसी और भूमि लिंक करें। इसके उपरांत अपने समस्त खसरे को आधार तथा समग्र आईडी के साथ लिंक करें। यह प्रक्रिया भूमिस्वामी अपने संबंधित पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक के माध्यम से अथवा स्वयं भी अपने मोबाईल, कम्प्यूटर से कर सकते है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज पावती (ऋण पुस्तिका), आधार कार्ड, समग्र आईडी है।

 *उदयपुरा में राजस्व न्यायालय का किया निरीक्षण*

 कलेक्टर अरविंद दुबे द्वारा उदयपुरा में राजस्व न्यायालय का आकस्मिक निरीक्षण कर राजस्व महाअभियान 2.0 अंतर्गत राजस्व प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही का अवलोकन किया गया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान एसडीएम, तहसीलदार से नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरूस्ती, नक्शा तरमीम सहित दर्ज अन्य राजस्व प्रकरणों की संख्या, उनके निराकरण की कार्यवाही तथा पारित आदेशों को अभिलेख में दर्ज किए जाने सहित अन्य कार्यो की विस्तृत जानकारी लेते हुए दिशा-निर्देश दिए।

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