हरदा पर्यावरण को बचाने के लिए सिनर्जी संस्थान द्वारा बताए जा रहे जागरूकता के नए तरीके।
हरदा जिले में सिनर्जी संस्थान के द्वारा उड़ान प्रोजेक्ट में फेलोशिप पाने वाली फेलोज ( शोध छात्राओ )ने सिराली, खुदिया, डगावा में पर्यावरण जागरूकता के नए तरीके अपनाए। कुछ लोगो ने जैविक खेती के प्रशिक्षण को समझा जैसे कि जहरीले भोज्यपदार्थो को जो कि यूरिया, रासायनिक खाद से बनते है। उसकी वजह से हर दिन हम ऐसा भोजन करने से हमारे शरीर में कई जानलेवा बीमारियां होती हैं। किसानों की बैठक बुलवाकर उन्हे जहरमुक्त खेती के फायदे और आर्थिक लाभ के विषय में रूबरू करवाना आज की पहली जरूरत है।
क्योंकि शुद्ध रोटी ,कपड़ा और मकान होने से कोई भी लक्ष्य साधा जा सकता है। कुछ ने सीड बॉल्स बनाकर प्रदर्शित किए,साथ ही पेंटिग,बच्चो के साथ झुंड बनाकर उनसे बाते की, ताकि बातो ही बातो में उनको पर्यावरण का महत्व बताया समझाया जा सके। सोलर पैनल के महत्व से बिजली का उपयोग और प्रकृति की हर्बल घरेलू मेडिसिन को भी बनाकर देखने के प्रयास किए।
निकिता,दीपिका,रोशनी,विशाखा,सलोनी ,सीमा, समरीन,नंदिनी द्वारा संचालित सिराली के इस समूह में कई लड़कियो ने नाहर जंगल में रहने वाली आदिवासी लड़कियों से उनकी शिक्षा पर भी बात की ,शिक्षा और पर्यावरण का संबंध बहुत गहरा है,कुछ लोग पढ़ लिखकर आगे पर्यावरण के क्षेत्र में डिग्री भी हासिल कर देश का नाम रोशन कर सकते है। हम सभी का यही चाहते है कि
“पर्यावरण को वरण करो ,हरियाली को नमन करो।”
सीनिटरी पैड्स को कही भी फेंक देना, नदियों और नालों को प्लास्टिक डालकर गंदा करना और कचरे का ढेर कही भी लगा देने वाली आदतों से जनजीवन काफी प्रभावित होता है। नदी किनारे पूजा पाठ करके लोग तुरंत ही पॉलीथीन को नदियों में यूं बहा देते है जैसे कि उन्हें अपनी कर्म शीलता का कोई ध्यान ही नही है।
प्रकृति के राग को समझकर , हर एक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी क्योंकि हम से है,हमारा पर्यावरण।यह अभियान 9 तारीख से 15 तारीख तक हरदा जिले के कई गावो में उड़ान टीम के द्वारा संचालित किया जा रहा है।
डॉक्टर दर्शना सोनी (प्रोग्राम एसोसिएट उड़ान ,सिनर्जी संस्थान हरदा)
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