शेख आसिफ़ ब्यूरो खण्डवा
विधायक के गले लगकर रो पड़ी महिलाएं,मजदूर का आशियाना तोडा, खुले आसमान में परिवार,पीड़ित को न्याय दिलाने का विधायक तनवे ने दिया आश्वासन।
पीड़ित के हक की लड़ाई के लिए प्रदेश के मुखिया तक जाऊंगी – विधायक कंचन तनवे
खंडवा। सिर के ऊपर छत किसी भी परिवार की पहली प्राथमिकता होती है, लेकिन जब सिस्टम की रीढ़, दबंगो के सामने झुक जाए। फ़िर मजदूर-ग़रीब की सुनने वाला कोई नहीं। दरअसल कुछ यूं ही हुआ है खंडवा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम भावसिंगपुरा में। जहां सिस्टम की दूषित कार्यप्रणाली का खामियाजा एक मजदूर को अपने परिवार सहित भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब हो कि दबंग को घर आने का मना किया तो अधिकारियों से साठ-गांठ कर मजदूर का घर तोड़ उसे बेघर कर दिया गया। वहीं विधायक कंचन मुकेश तनवे पीड़ित परिवार से मिलने गुरुवार रात आठ बजे भावसिंगपुरा गांव पहुँची और पीड़ित को न्याय दिलाने का आश्वाशन दिया।
बता दें कि पीड़ित जशवंत मेघवाल पिता लाला मेघवाल ने बताया की हमारे पिता लगभग पचास वर्ष पहले यहां आए थे और हम पिछले पचास वर्ष से यहां रहते आ रहे हैं। हमे सरकार ने वृक्षारोपण के लिए राशि भी दी थी। जिसकी बकायदा हमारे द्वरा देखभाल की जा रही है लेकिन दस फरवरी को पटवारी और तहसीलदार आये और कलेक्टर का आदेश बताकर मकान तोड़ दिया। अब पूरे परिवार के साथ हम खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए है।
*विधायक के गले लगकर रो पड़ी महिलाएं*
दरअसल पीड़ित परिवार से मिलने खंडवा विधायक कंचन मुकेश तनवे भावसिंगपुरा के पास गिट्टी खदान पहुँची। तो विधायक को देखकर पीड़ित परिवार की महिलाएं रो पड़ी। विधायक ने भी महिलाओ को गले लगाकर ढांढस बांधा। इस बीच पीड़ित परिवार की महिला सोना बाई ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि हमारे परिवार में 35 सदस्य है। जो गौ पालन के साथ साथ पौधों की देखभाल भी करते है। हमारा घर गाँव से दूर एकांत जगह में है। यहां किसी को कोई आपत्ति नही थी, लेकिन कुछ दिन पूर्व ग्राम सरपंच हमारे घर आने लगा था, उसकी परिवार की महिलाओं के प्रति गलत नीयत थी। जिसकी वजह से हमने पूर्व सरपंच को आगे से हमारे घर आने से मना कर दिया था। तब वह धमकी देकर गया कि हमें यहां से वह हटवा देगा अधिकारियों से मिलकर हमारा मकान तुड़वा दिया। ऐसे में अब हम कहां जाए?
*मैं एक महिला हूँ दर्द समझती हूं इनकी लड़ाई लडूंगी- विधायक*
विधायक कंचन तनवे ने कहा कि मैं एक महिला हूँ और महिलाओं का दर्द समझती हूँ। जिन अधिकारियों ने इस परिवार के साथ ज्यादती की उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। यहां कुछ महिलाए गर्भवती भी है। इन पर भी अधिकारियों ने ध्यान नही दिया। पशुओं का भी ध्यान नही दिया। मेरे विधान सभा में अन्याय नही होने दिया जायेगा। पीड़ित के हक की लडाई के लिए प्रदेश के मुखिया तक भी मैं जाना पड़ा तो जाऊंगी और इंसाफ दिलवा कर रहूँगी।
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