दिव्यांग दिवस —खंडवा की विशाखा पाराशर की कई राष्ट्रीय उपलब्धियाँ, दिव्यांग खिलाड़ियों की बनी प्रेरणा,राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को किया गौरवान्वित
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (3 दिसम्बर) के अवसर पर खंडवा की बहुमुखी प्रतिभा वाली युवा खिलाड़ी विशाखा पाराशर अपनी कई उपलब्धियों के कारण सुर्खियों में हैं। स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होने के बावजूद विशाखाने खेल, मॉडलिंग और कला—हर क्षेत्र में अपना नाम बनाया है।विशाखा ने पेरा फेंसिंग (तलवार बजी) सहित विभिन्न खेलों में अब तक कई मेडल्स और महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वह एक सफल खेलो इंडिया एथलीट भी हैं, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ-साथ विशाखा दिव्यांग बच्चों को गाइड और ट्रेन भी करती हैं, ताकि वे खेलों के माध्यम से आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बन सकें। एक मोटिवेशन स्पीकर के रूप में उनके विचार और अनुभव युवाओं को हार न मानने की प्रेरणा देते हैं।
विशाखा ने व्हीलचेयर पर रहते हुए भी अपने प्रतिभा को आगे बढ़ाया और आज वह एक व्हीलचेयर मॉडल और डांसर के रूप में कई मंचों पर चमक चुकी हैं। उनकी बहुआयामी सफर हर उस व्यक्ति को रास्ता दिखाती है जो जीवन की चुनौतियों से जूझ रहा है।
उनका कहना है—
“मेरा हर मेडल सिर्फ मेरी जीत नहीं, बल्कि हर उस दिव्यांग बच्चे की उम्मीद है जो सपने देखने की हिम्मत करता है।”दिव्यांग दिवस पर विशाखा पाराशर की उपलब्धियाँ और संघर्षों से भरी उनकी कहानी समाज को यह सिखाती है कि दिव्यांगता बाधा नहीं, बल्कि नई शुरुआत की ताकत है।
Leave a Reply