आईएएस संतोष वर्मा की टिप्पणी पर विवादः ब्राह्मण समाज ने बर्खास्तगी व कानूनी कार्रवाई की मांग
मण्डलेश्वर । अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज और मातृशक्ति के विरुद्ध कथित टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। मध्य प्रदेश के मंडलेश्वर में नर्मदा ब्राह्मण समाज ने इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और बर्खास्तगी की मांग की है। समाजजनों ने शुक्रवार को एसडीएम और थाना प्रभारी को ज्ञापन देने के लिए एक बैठक बुलाई।
यह पूरा मामला संतोष वर्मा के आरक्षण व्यवस्था पर दिए गए एक बयान से जुड़ा है। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी उनके बेटे को दान में नहीं दे देता या उससे संबंध नहीं बन जाता। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया।
नार्मदीय ब्राह्मण समाज, मंडलेश्वर के अध्यक्ष नंदकिशोर डोंगरे ने इस टिप्पणी को आपत्तिजनक और जातिवादी बताया। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक पद पर रहते हुए वर्मा का यह बयान अनुचित है और नारी शक्ति का अपमान करता है।
इस विवादित बयान के खिलाफ शुक्रवार को नगर के ब्राह्मण समाजजनों ने प्रातः 11 बजे बैठक आयोजित की। बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि संतोष वर्मा के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई (FIR) दर्ज की जाए और उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त किया जाए। समाज ने सभी समाजों में समरसता और नारी शक्ति का मान-सम्मान बनाए रखने की भी मांग की।
इस दौरान बैठक में नन्दकिशोर डोंगरे (अध्यक्ष), हितेंद्र शर्मा (सचिव), शरद वैध (कोषाध्यक्ष), महिला अध्यक्ष संध्या शर्मा, डॉ. अखलेश वर्वे, सतीश मोयदे, सतीशचतुर्वेदी, यशवंत पगारे, बालकृष्ण डोंगरे, केदारनाथ शुक्ल, भास्कर सोहनी, सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल रहे। वरिष्ठ समाज सेवी सतीश मोयदे ने इस बयान को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज सहित अन्य संगठनों ने भी इस बयान की निंदा की है।
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