सिंध समाज उमरिया ने दिया सख्त संदेश — धर्म व संस्कारों पर प्रहार करने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा
उमरिया- *सिंध समाज उमरिया में सोमवार को भारी आक्रोश देखने को मिला जब समाजजनों ने रायपुर (छत्तीसगढ़) निवासी विधर्मी मानसिकता के व्यक्ति अमित बघेल द्वारा सोशल मीडिया पर सिंध समाज के आराध्य देव वरुण देव अवतार भगवान श्री झूलेलाल देव जी और महाराजा अग्रसेन जी के प्रति की गई आपत्तिजनक, भड़काऊ टिप्पणी का विरोध करते हुए पुलिस अधीक्षक उमरिया को ज्ञापन सौंपा। समाज ने इसे सनातन संस्कृति, धार्मिक आस्था और राष्ट्रीय एकता पर सीधा प्रहार बताया और कहा कि यह कार्य न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है, बल्कि देश की अखंडता और सामाजिक सद्भाव के साथ खिलवाड़ करने जैसा अपराध है। अमित बघेल द्वारा दिए गए आपत्तिजनक व अमर्यादित बयान के विरोध में सिंध समाज उमरिया ने तीखा आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्हें विधर्मी और राक्षसी मानसिकता का प्रतीक बताया। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि ऐसे तत्व जो धर्म, संस्कृति और समाज के संस्कारों पर प्रहार करते हैं, उन्हें किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा समाज के सदस्यों कहा कि सिंध समाज सदा से शांति, एकता और मर्यादा का प्रतीक रहा है, समाजजनों ने स्पष्ट कहा कि अमित बघेल द्वारा दिए गए बयान ने न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, बल्कि अमित बघेल जैसे लोग समाज में नफरत और भ्रम का माहौल फैलाकर भारत की ‘एकता में अनेकता’ की भावना को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान झूलेलाल, जो जल, जीवन, न्याय, शांति और मानवता के प्रतीक हैं, उनका अपमान केवल सिंध समाज का नहीं बल्कि पूरे सनातन धर्म का अपमान है। इसी तरह महाराजा अग्रसेन जी, जिन्होंने समानता, सह-अस्तित्व और सेवा के आदर्शों से समाज को एकजुट किया, उन पर की गई टिप्पणी भारतीय संस्कृति की आत्मा को ठेस पहुँचाने वाली है।सिंध समाज ने प्रशासन से माँग की है कि ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति समाज, धर्म या संस्कृति के विरुद्ध अपशब्द बोलने का दुस्साहस न कर सके।*
*कोतवाली में गूंजे जयकारे और विरोध के नारे ज्ञापन देने के दौरान उमरिया कोतवाली परिसर में समाज के सैकड़ों सदस्य, युवा और वरिष्ठजन उपस्थित रहे। संपूर्ण वातावरण “विधर्मी अमित बघेल मुर्दाबाद”, “भगवान झूलेलाल देव जी की जय”, “धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को गिरफ्तार करो” जैसे नारों से गूंज उठा। समाज के वक्ताओं ने कहा कि भारत जैसे महान देश की शक्ति इसकी विविधता और अखंडता में निहित है। अमित बघेल जैसे लोग सनातन संस्कृति की जड़ें काटने और समाजों के बीच वैमनस्य फैलाने का घृणित प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर त्वरित कार्रवाई न होने से देश की शांति व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सिंध समाज का इतिहास बलिदान, देशभक्ति और मानव सेवा से जुड़ा रहा है — यह समाज सदैव राष्ट्र की अखंडता के पक्ष में खड़ा रहा है। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि पुलिस प्रशासन तत्काल प्रभाव से FIR दर्ज कर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति समाज की धार्मिक भावनाओं और सनातन आस्थाओं से खिलवाड़ न कर सके कार्यक्रम के अंत में समाजजनों ने सामूहिक रूप से शांति और एकता बनाए रखने का संकल्प दोहराया। सभी ने कहा —“सिंध समाज सदैव राष्ट्र, धर्म और मानवता के मार्ग पर अग्रसर रहेगा,विधर्मी और राक्षसी प्रवृत्तियों के विरुद्ध हम एकजुट होकर खड़े रहेंगे। यह देश सनातन है, इसकी अखंडता और आस्था पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।*
*इस दौरान समाज के अध्यक्ष शंभूलाल खट्टर सुंदरदास सचदेव नीरज चंदानी शीतलदास सचदेव विजय छत्तवानी संदीप वाधवा दयालदास सचदेव रमेश विशनदासनी वासुदेव लालवानी द्वारका सचदेव रोशन रंगलानी कामेश खट्टर मोनू सचदेव तरुण हेमनानी अनिल लेखवानी नटवर हेमनानी वासुदेव चंदानी घनश्याम दासवानी बंटी वाधवानी ग्वालदास लालवानी दिलीप परियानी महेंद्र वाधवानी किशन वासवानी गन्नू राम खट्टर चीजनदास हेमनानी अशोक सचदेव राहुल सचदेव आशु सचदेव रोमिल राजवानी सुमित छत्तवानी प्रिंस छांगवानी दीपक वाधवानी महेंद्र हरवानी राधू खट्टर सन्नी ज्ञानचंदानी अमित वाधवा जीतू दासवानी सौर्य वाधवा दीपक भागदेव विनीत बजाज भरत राजपूत हेमंत चन्दानी अनिल सचदेवा राजा वाधवानी राकी खट्टर नितेश भागदेव प्रवीण वाधवानी अमित मंगलानी प्रकाश राजपूत मयूर वाधवानी आदि लोग मौजूद रहे।*
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