इंदौर इच्छापुर हाईवे पर भारी वाहन प्रवेश निषेध सावन मास के चलते इंदौर कलेक्टर ने लगाई भारी वाहन पर रोक।
मध्य प्रदेश के इंदौर खंडवा इच्छापुर हाईवे पर भारी वाहनों पर रोक लगा दी गई है। सावन महीने के एक माह तक सिर्फ जरूरी वाहनों के आवागमन पर छूट दी गई है। दरअसल 11 जुलाई शुक्रवार से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। 14 जुलाई को इस पवित्र माह का पहला सोमवार है इस दिन बड़ी संख्या भक्त स्थान के लिए ओंकारेश्वर के नर्मदा तट तथा ओम्कारेश्वर पहुंचेंगे। प्रशासन का अनुमान है कि हर साल की तरह इस बार भी लाखों वक्त दर्शन कर मां नर्मदा स्नान और परिक्रमा के लिए जुटेंगे। भारी वाहनों के आवागमन के लिए वैकल्पिक रूट जारी किया है इस रूट से भारी वाहन गुजर सकेंगे। हालांकि कुछ जरूरी वाहनों को छूट दी गई है।
निमाड़ क्षेत्र से निकलेगी अनेकों को कावड़ यात्राएं।
कावड़ यात्रा सुरक्षा को देखते हुए खंडवा जिला प्रशासन आगामी आदेश तक इंदौर खंडवा और भारी वाहन पर रोक लगा दी है। वह निमाड़ के अलग-अलग क्षेत्र से कावड़ यात्राएं निकली जाएंगे जो हाईवे से होकर ओंकारेश्वर पहुंचेंगे। अधिकांश इलाकों से कावड़ यात्रा रवाना हो चुकी है जो नर्मदा का जल लेकर सोमवार तक अपने क्षेत्र में लौटेंगे।
पिछले वर्ष भी खेड़ी घाट से जल भरकर उज्जैन जा रहे दो कावड़ यात्रियों का हादसे में मौत हो चुकी थी।
जो खेड़ी घाट से जल भरकर रंगवासा की ओर जा रहे थे। रात के समय भारी वाहन कंटेनर वाहन की चपेट में आने से ग्राम कुरावद में चंद्रर उर्फ गोमा तथा निवासी रंगवासा तथा दूसरा अजय दूबे निवासी रंगवासा को गंभीर हालत में इंदौर रेफर किया गया था जिसे इलाज के दौरान अपना दम तोड़ा था।
वहीं इंदौर इच्छापुर पर स्थित सुरक्षा की दृष्टि से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। पिछले वर्ष भी बलराज होटल पर वह के कर्मचारियों द्वारा कांवड़ियों से मारपीट की गई थी। जो होटल कुछ महीनो तक बंद रहा था तथा होटल संचालक सहित वर्करों पर सिमरोल पुलिस ने मामला दर्ज कर होटल सील किया था ।
वहीं अब शराब माफिया ही खुद इस क्षेत्र की अनेकों दुकान के मालिक हैं।जो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं।
वहीं हाइवे पर बसी शराब दुकानों के समाने से रोजाना सैकड़ों कांवड़ियों गुज़रते हैं।पर यह अपनी होहदे ओर राजनीति पकड़ के चलते हाइवे पर बड़े बड़े बोर्ड लगाकर शराब का प्रचार प्रसार जोरों से कर रहे हैं। जोकि सावन मास में निकलने वाली कांवड़ियों के आस्था को ठेस पहुंचा रहा है।शराब वाहन निकालने के लिए कांवड़ियों को रोक दिया जाता है।शराब माफिया के जो गुर्गे है । उनसे आम लोगों को भी अपनी जान का खतरा बना रहता है। क्योंकि स्थानीय प्रशासन सहित आबकारी विभाग भी शराब ठेकेदार के आगे नतमस्तक होकर ढोक देते नजर आते हैं।
Leave a Reply