करोड़ों की सड़क पर कौड़ी भर ईमानदारी की कमी, खुद ही बयां कर रही है अपनी हालत, गैरतगंज के गढ़ी से विदिशा की सड़क इन दिनों चर्चा का विषय बनीं हुई है
. करोड़ों की लागत से इस सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है .लेकिन अब इसके हाल को देखकर लग रहा है कि इसमें कौड़ी भर ईमानदारी नहीं बरती गई
“करोड़ों की सड़क पर कौड़ी भर ईमानदारी की कमी”
सड़क विकास का आईना होती हैं.सड़क किसी भी इलाके को विकास की ओर ले जाने का माध्यम होती है.लेकिन गैरतगंज में ऐसी सड़क बनीं जो खुद ही चीख-चीख कर ये कह रही है कि हां मेरे साथ भ्रष्टाचार हुआ है. मुझे ठेकेदारों ने कहीं का नहीं छोड़ा.मेरी इज्जत को सरेआम नीलाम कर दिया है. मेरा कोना-कोना मेरे साथ हुए अत्याचार की कहानी बयां कर रहा है. मेरी शान भी निराली होती,लेकिन भ्रष्टाचारियों ने जो हरकत मेरे इज्जत के साथ की उसकी माफी नहीं दी जा सकती.मुझे देखने वाले मेरा इस्तेमाल करने वाले मुझे ही गालियां बक रहे हैं. जिन लोगों के ऊपर मेरी इज्जत को समाज में फैलाने की जिम्मेदारी थी,उन्हीं लोगों ने मेरा इमान लूट लिया है।
करोड़ों की सड़क पर कौड़ी भर ईमानदारी की कमी सड़क अपनी दुर्दशा पर बहा रही है आंसू :ऊपर लिखे गए शब्द उस सड़क के हैं,जो गैरतगंज के गढ़ी से विदिशा शहर से जोड़ने के लिए बनीं.लेकिन भ्रष्टाचारियों ने सड़क को ऐसा बनाया कि वो अपनी दुर्दशा पर खुद ही आंखें बहा रही है।
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