कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में भाजपा का कार्यक्रम संपन्न अपने निजी और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए इंदिरा गांधी ने लगाया आपातकाल:मनीषा सिंह

संजय तिवारी उमरिया

कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में भाजपा का कार्यक्रम संपन्न अपने निजी और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए इंदिरा गांधी ने लगाया आपातकाल:मनीषा सिंह

कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर विपक्षी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को किया प्रताड़ित:मूलचंद्र अग्रवाल

कांग्रेस ने आपातकाल लागू कर संविधान को कुचला है:आशुतोष

उमरिया।। कांग्रेस के द्वारा लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय का 50 वां वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय जनता पार्टी जिला उमरिया के द्वारा स्थानीय भाजपा कार्यालय भरौली में एक कार्यक्रम किया गया जिसमें भाजपा की प्रदेश मंत्री और जयसिंहनगर की विधायक श्रीमती मनीषा सिंह, पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता ज्ञान सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष अनुजा पटेल, बांधवगढ़ क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह, वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी,राकेश शर्मा और मुख्य वक्ता के तौर पर मूलचंद अग्रवाल मौजूद रहे।इस अवसर पर सबसे पहले भारत माता के तैल्य चित्र पर दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश मंत्री और जयसिंहनगर क्षेत्र की विधायक मनीषा सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की इंदिरा गांधी ने अपने व्यक्तिगत लाभ और स्वार्थ चलते देश में आपातकाल की घोषणा की। आपातकाल लगने के बाद इंदिरा गांधी ने विपक्षी दलों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जेल में डालने का काम किया। देश के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया पर भी प्रतिबंध लगाया गया। इस दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासन से मिलकर लोगों पर अत्याचार और प्रताड़ना किये ऐसी थी कांग्रेस सरकार। लेकिन अब देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और हमारी सरकार लगातार हर वर्ग के कल्याण और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में जुटी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष अग्रवाल ने बड़े ही भावुक मन से अपनी आपबीती और उस दौरान हुए प्रताड़ना का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल के समय वह चौथी या पांचवी के छात्र रहे हैं और उन्हें वह सब कुछ याद है। जब इंदिरा गांधी ने षड्यंत्र करके अवैध रूप से आपातकाल लगाया तब पूरे देश में अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया देशभर से कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और विरोधी दलों के नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाला जाने लगा। श्री अग्रवाल ने बताया कि तब उनके पिता भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं उसे समय उनके घर संघ के प्रचारक आए हुए थे तभी घर पर पुलिस पहुंच गई और पूछताछ करने लगी किसी कदर उन्हें घर के पीछे के रास्ते से निकालना पड़ा यह सब देख उनका मन व्यथित था।

उन्होंने एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय पर चंदिया रेलवे स्टेशन में नमक ट्रेन के बगियां से आता था और ट्रेन चंदिया में खाली होती थी, तब उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ रेलवे स्टेशन जाकर ट्रेन की खाली बोगियों में लिखा था इंदिरा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी,नही चलेगी। इस दौरान वह स्टेशन मास्टर के द्वारा पकड़े भी गए थे।श्री अग्रवाल ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी को शर्म आनी चाहिए वह लगातार संविधान बचाओ का नारा लगाकर लोगों को भ्रमित कर रही है। जबकि इन्हीं के द्वारा लगातार संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर अनूपपुर से आए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मूलचंद अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस के द्वारा लगाए गए आपातकाल में वह काफी समय तक जेल में बंद रहे। उनके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज किए गए और प्रताड़ना भी दी गई। आज के दिन को सरकार लोकतंत्र के काला दिन के रूप में मना रही है। उन्होंने आपातकाल के बारे में बताया कि आपातकाल कानून इसलिए बनाया गया था कि जब देश में कोई बहुत बड़ा संकट हो विदेशी ताकते हमला कर रही हो, इस दौरान आपातकाल लगाया जा सकता है। जैसे जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया था और दूसरा जब 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ था तब देश पर संकट को देखते हुए आपातकाल लगाया गया था। लेकिन 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने षडयंत्र पूर्वक अपने निजी स्वार्थ के चलते तत्कालीन राष्ट्रपति से मिलकर देश में आपातकाल लागू कर दिया।

उन्होंने बताया कि इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने पुलिस और प्रशासन से मिलकर विरोधी दलों के लोगों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जेल में डाल दिया इस दौरान उन्हें भारी प्रताड़ना का सामना करना पड़ा यहां तक कि उनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं था और उनके परिवार भूखों मरने की कगार पर रहा है। कई लोगों के परिवार के साथ इस कदर भी प्रताड़ना की गई जिसका जिक्र नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने बारे में बताया कि उनके ऊपर राष्ट्रद्रोह 151 107 116 सहित अन्य मामले दर्ज किए गए। उनके साथ बड़े-बड़े अपराधी हत्या लूट डकैती के मुजरिमों जैसे व्यवहार किया जाता रहा है। लेकिन आपातकाल के बाद जब चुनाव की घोषणा हुई तब देश में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनी और आपातकाल हटाया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में एलईडी के माध्यम से आपातकाल के दौरान हुए घटनाक्रम से जुड़े टेली फिल्म भी दिखाई गई। कार्यक्रम को पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता ज्ञान सिंह ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के संयोजक भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी ने किया वही कार्यक्रम का सफल संचालन भाजपा नेता सुमित गौतम ने किया। इस अवसर पर भाजपा की पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा नगर पंचायत पाली की अध्यक्ष शकुंतला प्रधान,कैलाश द्विवेद, दिनेश पांडे रामनारायण पयासी, मंडल अध्यक्ष पाली राधा तिवारी, नगर मंडल अध्यक्ष उमरिया नीतू सिंह, भाजपा नेता सुदामा विश्वकर्मा, बहादुर सिंह, मनीष सिंह, भूरा महराज, राकेश टार्जन, जनपद सदस्य पूजा वेगा, युवा मोर्चा अध्यक्ष अमित सिंह सहित बड़ी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 *भाजपा जिला अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को किया संबोधित*

उमरिया। कांग्रेस के द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष आशुतोष अग्रवाल ने भाजपा कार्यालय भरौली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 25 जून 1975 कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र के काले दिवस और लोकतंत्र की हत्या का दिवस माना है। लेकिन आज कांग्रेस के लोगों के द्वारा जगह-जगह यह चिल्लाया जाता है और रैलियों के माध्यम से संविधान की दुहाई देते नजर आते हैं जबकि इन्हीं के नेताओं के द्वारा सबसे ज्यादा संविधान का दुरुपयोग किया जाता है इन्हीं के नेता ने आपातकाल की धारा का दुरुपयोग करते हुए देश में अवैध रूप से आपातकाल लगा दिया। जबकि आपातकाल का कानून इसलिए बनाया गया था कि जब देश में बाहरी शक्तियों का खतरा हो या देश किसी बड़े संकट में हो तब आपातकाल लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में पहली बार 1962 में आपातकाल लगा जब चीन ने भारत पर हमला किया था इसके बाद 1971 में जब पाकिस्तान ने हमला किया था तब आपातकाल लगाया गया था। लेकिन 1975 में देश में ऐसी कोई भी स्थिति नहीं थी जिसके कारण आपातकाल लगाया जा सके। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने निजी स्वार्थ और इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसला के चलते

भारत में आपातकाल की घोषणा कर दी। इस दौरान इंदिरा गांधी ने विपक्षी दलों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कुचलना का प्रयास किया यहां तक मीडिया को भी प्रतिबंधित कर दिया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तब से वह संविधान की रक्षा के लिए अनेकों कदम उठाए है।

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