पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कार्य है लेकिन उससे ज्यादा जरूरी उसे बड़ा करने के लिए जल संचय की भी आवश्यकता है, ,,कलेक्टर ऋषव गुप्ता

शेख़ आसिफ खंडवा
पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कार्य है लेकिन उससे ज्यादा जरूरी उसे बड़ा करने के लिए जल संचय की भी आवश्यकता है, ,,कलेक्टर ऋषव गुप्ता,,

“संसाधन फिर से बनाए जा सकते हैं, लेकिन पृथ्वी को दोबारा नहीं बनाया जा सकता,

विश्व पर्यावरण दिवस पर, परिवर्तन की शुरुआत अपने भीतर से करें, शक्ति दीदी

खंडवा।। बिगड़े हुए प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने, पर्यावरण की रक्षा एवं ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए आज बड़े स्तर पर पौधारोपण कर उसे बड़ा करने की आवश्यकता है, 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूरे देश में अलग-अलग स्वरूप में कार्यक्रम आयोजित किए गए, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय आनंद नगर खंडवा द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया, प्रातः 8 बजे प्रारंभ हुए कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे खंडवा जिले के कलेक्टर माननीय ऋषव गुप्ता जी उपस्थित हुए, जिनका स्वागत ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा तिलक लगाकर किया गया, मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री गुप्ता ने विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा पौधा लगाना जरूरी है लेकिन पौधा लगाने से पहले उस पौधे का पालन करने के लिए जल का संचय करना ज्यादा जरूरी है, बिना जल के पौधा लगा, जरूर सकते है लेकिन उसका पालन नहीं कर सकते इसलिए सर्वप्रथम जल का संचय जरूरी है जल संचय के लिए उन्होंने बताया कि 3000 वर्ग फीट की छत पर 3,00,000 लीटर पानी बचाया जा सकता है, जिससे जल संरक्षण का कार्य आसानी से किया जा सकता है, जल है तो कल है, आमजन के सहयोग से हमने विगत दिनों जल संचय पर पर कार्य किया हमें करो है कि आम जन के सहयोग से किए गए इस कार्य में हमें सफलता मिली और देश में खंडवा जिला प्रथम स्थान पर रहा अभी जल संचय पर और भी कार्य किया जाना बाकी है,
कार्यक्रम की अध्यक्ष संस्था प्रभारी बीके शक्ति दीदी ने अपने वक्तव्य मे कहा कि हर साल 5 जून को “विश्व पर्यावरण दिवस” मनाया जाता है — और यह एक वैश्विक संदेश देता है कि अब वह समय आ गया है जब मनुष्य और प्रकृति के बीच खोए हुए बैलेंस को फिर से स्थापित किया जाना चाहिए, आध्यात्मिक ज्ञान कहता है कि हम जो सोचते हैं, महसूस करते हैं उसका असर हवा, पानी, मिट्टी और पूरे वातावरण पर होता है, हमारे थॉट्स भी पर्यावरण पर अपना असर डालते हैं, सिर्फ हम क्या करते हैं, यही नहीं, बल्कि हम क्या सोचते हैं, क्या महसूस करते हैं और अपने मन में क्या क्या पकड़े रहते हैं—ये सब चीज़ें भी मायने रखती हैं।
हमारा मानना है कि सच्ची और स्थायी सफाई आत्मा की पवित्रता से शुरू होती है। और हमारा दृष्टिकोण भी इसी समझ पर आधारित है कि बाहरी प्रदूषण अक्सर हमारे अंदर की अशांति का ही रिफ्लेक्शन होता है। असली पर्यावरण परिवर्तन की शुरुआत अंदर से, यानी आत्म-परिवर्तन से होती है, हम सभी पर्यावरण संरक्षण की बात करते हैं, लेकिन सबसे पहले जरूरी है कि हम अपने मन के प्रदुषण को दूर करें, जब मन सकारात्मक विचारों से ओतप्रोत होगा, ऊर्जा से भरपूर होगा तो हमारे कर्म भी सकारात्मक होंगे। इसके लिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को शामिल करें। राजयोग ध्यान से हमारा मन स्वच्छ, सुंदर और शक्तिशाली बनता है। नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं। तो आइए आज संकल्प लें कि हम जागरूकता के साथ जीवन जिएंगे, तनाव की जगह शांति को चुनें, सुविधा की जगह सोच-समझ कर काम करें, और बेफिजूल की बर्बादी की जगह जिम्मेदारी लें। फिर चाहे वो एक कपड़े का थैला साथ रखना हो या किसी बेचैन मन को शांत करना—एक छोटी सी अवेयरनेस भी हमारी धरती के लिए हीलिंग की शुरुआत कर सकती है।
क्योंकि प्राकृतिक संसाधन फिर से बनाए जा सकते हैं, लेकिन पृथ्वी को दोबारा नहीं बनाया जा सकता, इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, परिवर्तन की शुरुआत अपने भीतर से करें। हमारे पास एक ही पृथ्वी है, हमारे पास एक ही चेतना है, आइए, दोनों को हील करें। सुनील जैन ने बताया कि कार्यक्रम में संस्था के बीके शिव अरोरा ने “हर घर हरियाली, हर घर खुशहाली” के अंतरगत इनडोर और आउटडोर प्रदूषण के बारे में बताया, इसके पश्चात माननीय कलेक्टर ऋषव गुप्ता जी, बीके शक्ति दीदी, ब्रह्माकुमारी दीदीया ,एवम सभी भाई बहनों के द्वारा पौधारोपण ,बीजारोपण किया गया कार्यक्रम के समापन में कलेक्टर साहब को ईश्वरीय सौगात भेंट की गई l कार्यक्रम का संचालन बी.के. आरती दीदी ने किया साथ ही पौधा रोपण के लिए उपस्थित जनों को प्रतिज्ञा करवाई , कार्यक्रम में अत्यधिक संख्या मे संस्था से जुड़े सभी भाई – बहने भी मौजुद थे l

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