खंडवा,सद्भावना मंच द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर काव्य एबं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्यकारों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की केंद्र सरकार से मांग की। उन्होंने बताया हिंदी विश्व के कई देशों में बोली व समझी जाती है। हमारे देश में कुछ लोगों के के विरोध के कारण इसे राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया जाना खेदजनक है। देश से जब धारा 370 हटाई जा सकती है। एक राष्ट्र एक झंडा घोषित किया जा सकता है। तब एक देश एक राष्ट्रभाषा क्यों नहीं घोषित की जा सकती। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए तथा हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया जाना चाहिए।साहित्यकारों ने इस अवसर पर अपनी रचनाओं एवं कविताओ तथा गीतों के माध्यम से कार्यक्रम को रोचक बना दिया।
इस अवसर पर पूर्व डीएसपी आनंद तोमर, डॉ जगदीश चौरे, सुरेंद्र गीते, सुनील सोमानी, सुनील जैन, गणेश भावसार, धीरज नेगी, योगेश गुजराती,एन के दवे,अशोक पारवानी,कैलाश शर्मा, त्रिलोक चौधरी,राधेश्याम साक्य,शरद चौरे,आनंद बुंदेला,सुभाष मीणा, आदि मौजूद थे।
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