भगवान विमल नाथ जी के मोक्ष कल्याणक दिवस पर शांति धारा के साथ चढ़ाया गया लाडू,
खंडवा ।। जैन धर्म में जन्म से अधिक मोक्ष को महत्व दिया गया है, इसीलिए जैन धर्म के 24 तीर्थंकर के मोक्ष कल्याणक की तिथि के अवसर पर भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाता है, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि आज से हजारों वर्ष पूर्व झारखंड प्रांत स्थित श्री सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र की उच्च पहाड़ी सुवीर कूट पर आषाढ़ कृष्ण अष्टमी के दिन विमलनाथ भगवान ने तप और तपस्या करते हुए मोक्ष प्राप्त किया था, भ्रमरसाढ़ अष्टमी अति पावनो, विमल सिद्ध भये मन भावनो। हरी जजें तित पूजिया, हम जजैं इत हर्ष धरै हिया, आषाढ कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन खंडवा के दिगंबर जैन मंदिरों में भगवान विमल नाथ जी का मोक्ष कल्याण दिवस बनाकर लाडू चढ़ाया गया, घासपुरा महावीर दिगंबर जैन मंदिर में भी प्रातः काल शनिवार को मोक्ष कल्याणक दिवस पर भगवान विमलनाथ जी का अभिषेक एवं शांति धारा करने के पश्चात निर्वाण कांड का वाचन करते हुए, ,,ॐ ह्रीं आषाढ़कृष्णअष्टमी दिने मोक्ष मंगल प्राप्ताय श्री विमलनाथ जिनेन्द्राभ्यो अर्घ्य निर्वपामिती स्वाहा,, इस दोहे के साथ सामूहिक रूप से लाडू चढाकर आरती की।
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