पुलिस लापरवाही नहीं करती तो नहीं होता ट्रिपल मर्डर, शिकायत के बाद भी नहीं की कार्यवाही

दमोह से अमर चौबे।

पुलिस लापरवाही नहीं करती तो नहीं होता ट्रिपल मर्डर, शिकायत के बाद भी नहीं की कार्यवाही

दमोह: दमोह देहात थाना क्षेत्र के बांसा गांव में बीते दिन हुए वीभत्स हत्याकांड में आज तीनों मृतकों के शव लेकर परिजनों ने दमोह सागर स्टेट हाइवे पर जाम लगाकर कुछ मांगे रखी, जिनमे मृतक होमगार्ड सैनिक रमेश विश्वकर्मा के बारिश को अनुकंपा नियुक्ति,

सरकार से उचित मुआवजा और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग रखी। मौके पर पहुंचे कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने उनका उचित समाधान किया तब जाकर शव का अंतिम संस्कार हुआ।

इस बीच मृतक के परिजनों ने बताया कि आरोपी पहले भी पुलिस के सामने ही जान से मारने की धमकी दे चुके थे और लगातार धमकी दे रहे थे जिसकी लिखित शिकायत कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को दी गई थी, इस घटनाक्रम में दमोह के एक बिल्डर का नाम भी बार बार आ रहा है, परिजनों का कहना है बिल्डर रॉकी सुरेखा ने धमकी दी थी कि तुम नौकरी नही कर पाओगे, और आरोपियों जिस गाड़ी से आए थे वह भी इसी बिल्डर की थी, यही नहीं जिन हथियारों से हत्या हुई है वह हाईटेक और महंगे थे जो बिल्डर ने उपलब्ध कराए होंगे.!

इस पूरे घटना क्रम को लेकर पुलिस की ओर से भारी चूक होना लग रहा है कि जब पीड़ितों को आरोपियों से अपनी जान का खतरा था जिसकी उन्होंने शिकायत भी करी थी अगर पुलिस उसे गंभीरता से लेती तो शायद इतना बड़ा हादसा नही होता, यही नहीं परिजनों का आरोप है कि घटना के समय बार बार डायल 100 को फोन लगाते रहे, जिन्होंने अगर फोन उठा लिया होता तो यह घटना इतना बड़ा रूप नही लेती।

बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर देहात थाना के बांसा तारखेडा गांव में सोमवार की सुबह कुछ लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग की और धारदार हथियार से एक वीभत्स हत्याकांड किया, जिसमें एक होमगार्ड सैनिक रमेश, उसके बेटा उमेश और भतीजे विक्की की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। हत्या की वजह पुरानी रंजिश बताई गई हैं। मृतक होमगार्ड सैनिक के भांजे राहुल विश्वकर्मा ने राजा विश्वकर्मा, गोलू विश्वकर्मा और सजल विश्वकर्मा पर हत्या करने के आरोप, साथ बिल्डर रॉकी सुरेखा पर आरोपियों को हथियार उपलब्ध कराने के साथ हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल होने तक के आरोप लगाए थे।

इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस अधीक्षक का क्या कहना है किसी को अंदेशा नहीं था कि आरोपी इस तरह को घटना को अंजाम देंगे, उनके बयान हो चुके थे और एफआईआर और बयान भी लिए जा चुके थे जिनकी जांच चल रही थी। दोनों पक्षों में कोई भी न तो आदतन अपराधी था न ही किसी का क्रिमिनल रिकार्ड था। आगे की जांच में इस घटना में जो भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होगा उस पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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