दमोह से अमर चौबे
खनन माफिया ने गायब किए पहाड़,सवालों पर झल्ला उठे एसडीएम
दमोह – करीब आधा दर्जन विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे कलेक्टर मयंक अग्रवाल के चहेते संयुक्त कलेक्टर आरएल बागरी पर इन विभागों के कार्यों का खासा मानसिक दबाव भी देखा गया है। तहसीलदार से एसडीएम पद पर प्रमोट हुए आरएल बागरी के अवैध उत्खनन के संबंध में मीडिया दल को दिए जवाब सुनकर कोई भी इस नतीजे पर पहुंच सकता है कि इतने विभागों का बोझ कहें या जिम्मेदारी, उनसे संभाली नहीं जा रही है।
दरअसल कलेक्ट्रेट और खनिज विभाग से लगभग दो किमी दूर रिंगरोड के आसपास की बड़ी बड़ी पहाड़ियां पर रात– रातभर खनिज माफिया की बड़ी बड़ी पॉकलेन मशीन और हाइवा से मुरम निकालकर पहाड़ियों के अस्तित्व को ही खत्म कर दिया और जहां कुछ महीने पहले बड़ी बड़ी पहाड़ी हुआ करती थी अब वहां लोगों ने अवैध कब्जा कर बसाहट शुरू हो गई।
पिछले 1 वर्ष के दौरान जितना अवैध खनन बाईपास से लगी पहाड़ियों पर हुआ है शायद ही कभी हुआ हो।इसी क्षेत्र में नित नई-नई कालोनियां विकसित हुई है। चूंकि पहले कभी खेत रही जमीन को ही कॉलोनी का रूप दिया गया है तो यह अपने आप में स्पष्ट है कि वहां किस मात्रा में मुरम का पुराव किया गया होगा और इस सब का खामियाजा बायपास एवं अथाई औद्योगिक क्षेत्र में स्थित पहाड़ों ने भुगता जो आज पूरी तरह जमींदोज हो चुके है।कई पहाड़ों की जगह तो इतनी समतल हो चुकी है कि वहां अवैध कब्जा कर लोगों की बसाहट हो गई है।
जिले में अंधाधुंध चल रहे खनिज उत्खनन की जानकारी लेने जब समाधान मीडिया समूह के सदस्य उनके पास पहुंचा तो एसडीएम आरएल बागरी अपना आपा खो बैठे, उनका कहना था दिनभर में 75 लोग अवैध उत्खनन की शिकायत लेकर आते है, जबकि खनिज अधिकारी कोई और हैं। उन्होंने कहां इसका जवाब महिला बाल विकास अधिकारी दे पाएंगे क्योंकि खनिज अधिकारी का प्रभार उनके पास है।
गौरतलब हो कि खनिज विभाग से संबंधित किसी भी अनियमितता को लेकर अगर कोई प्रश्न खनिज अधिकारी या विभागीय कर्मचारियों से किया जाता है तो उनके द्वारा हमेशा ही यह जवाब सुनने को मिलता है कि सभी चार्ज कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने एसडीम राजललन बागरी को सौंप दिए गए हैं इसलिए किसी भी सवाल का जवाब वे ही दे सकते हैं। जबकि इस संबंध में एसडीएम एवं खनिज विभाग के प्रभारी राज ललन बागरी से पूछा गया कि पूरे के पूरे पहाड़ खनन माफिया ने विभाग के सहयोग से खत्म कर दिए, इतना सुनते ही वे जवाब देने की बजाय अपना आपा खो बैठे और बेतरतीब जवाब देते रहे और अपने आप को ईमानदार बताते रहे।
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