रघुनंदन राघव की प्राण प्रतिष्ठा के स्वर्णिम अवसर पर श्री योगेश जी महाराज अयोध्या धाम गए।
आस्था और श्रद्धा के उत्कर्ष का काव्य पाठ किया।स्तुतिभी सुनाई।
श्री राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपतराय जी से भी भेंट हुई।
मनावर
भारतीय सनातन संस्कृति परंपराओं के तहत मर्यादा पुरुषोत्तम रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की महाबेला मे अयोध्या धाम मन्दिर मे श्री योगेश जी महाराज श्रीबालीपुरधाम शामिल होकर अभिभूत एवम आनन्दित हुए।
वेद की ऋचाए जो कि हृदय में उतर गए हैं तो,
फूल दिल के तुम्हारे खिलेंगे वेद रचना से अपना काव्य पाठ प्रारम्भ किया।
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम,।
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम् की स्तुति प्रारंभ की। राम सियाराम सियाराम जय-जय राम की धुन भी सुनाई। नमामि रामं कहकर श्री रामलला के सम्मुख साष्टांग प्रणाम किया।प्रभु दर्शन कर खूब हर्षित हुए।उन्होने आगे कहा कि प्राचीन गौरव था, वह आज पुन: दिखाई दे रहा है। अयोध्या, मथुरा ,माया,काशी, काञचि,अवन्तिका ।पूरी दवारावेति सप्तैता मोक्ष दायिका में प्रथम नाम अयोध्या का आया।इन सातो के नाम लेने से मोक्ष को प्राप्त होता है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपाल दास जी की कुटिया में जाकर भेंट करी। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट क्षेत्र के महासचिव चंपतराय जी से भी मुलाकात करी, जिन्होंने अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा समारोह मे आमंत्रित किया था। आर. एस. एस. के श्री सोहन जी सोलंकी उत्तराखंड एवं बिहार के सह प्रभारी का सहयोग रहा ।उक्त जानकारी सतगुरू सेवा समिति के जगदीश पाटीदार ने दी।
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