ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी
लोकेशन रायसेन

रायसेन।सोमवार को गुरु पूर्णिमा का महापर्व असीम श्रद्धाभक्ति के माहौल में धूमधाम से मनाया।गुरुपूर्णिमा पर्व पर गुरु शिष्य की परंपरा का किया निर्वहन।’गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु गुरु देवो महेश्वरा,,गुरु ही साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः अर्थात गुरु ही ब्रह्मा हैं गुरु ही विष्णु भगवान और गुरु ही महादेव हैं….’।
सोमवार को सुबह से ही गुरु पूर्णिमा महोत्सव के उपलक्ष्य में सभी गुरु आश्रम व धार्मिक स्थानों पर गुरु पादुका पूजन और गुरु महिमा पर आधारित सत्संग भजनों के धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धा पूर्वक संपन्न हुए। सुबह से ही गुरु भक्तों ने अपने अपने गुरुओं के पास जाकर श्रद्धा भाव के साथ गुरु चरणों की पूजा अर्चना और आरती वंदना की प्रसाद चढ़ाकर गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया।
जिला मुख्यालय मुखर्जीनगर स्थित नौ देवी मठ के बगल में स्वामी शिवओम तीर्थ आश्रम पर भी बड़ी संख्या में गुरु पूर्णिमा महोत्सव को मनाने के लिए आश्रम स्थल पहुंचे। जहां काफी देर तक आश्रम में विराजमान स्वामी निजानंद तीर्थ जी महाराज के दर्शन लाभ लिए एवं उनकी पूजा-अर्चना कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।इसके अलावा सगर झिरी,तपोभूमि मावलखोह गढ़ी समेतरायसेन जिला सहित आसपास के विदिशा, भोपाल, सीहोर, होशंगाबाद, सागर आदि कई जिलों से गुरु भक्त गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आश्रम पहुंचे थे,।प्रति वर्ष की भांति इस बार भी प्रसादी का वितरण और भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में गुरु भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।
इस अवसर पर स्वामी शिवोम तीर्थ आश्रम के स्वामी निजानंद जी महाराज ने सभी शिष्य, साधकों को आशीर्वचन देते हुए हमेशा गुरु को याद करते हुए गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप करने व प्रतिदिन मंत्र उपचारित साधना करने के लिए कहा गया। इस मौके पर भक्तों ने भी पुष्प वर्षा करते हुए गुरुदेव को पुष्प मालाएं अर्पित की।वहीं गायत्री परिवार रायसेन द्वारा भी गुरु पूजन का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा धार्मिक स्थलों पर भी गुरु पूर्णिमा पर भजन कीर्तन के आयोजन हुए। जिले में भी कई स्थानों पर नर्मदा जी के तटों के आसपास स्थापित आश्रमों पर भी गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। गुरु भक्तों ने अपनी-अपनी गुरु परंपरा के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धा भावना के साथ अपने गुरुजनों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया।
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