मोहन शर्मा SJ न्यूज़ एमपी
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RTE की राशि नहीं मिलने पर प्राइवेट स्कूलों भारी नाराजगी 2021 – 22 की राशि का भुगतान नहीं हुआ। कुछ स्कूलों का तो 2020 – 21 की भी RTE की राशि का भुगतान भी नहीं हुआ। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की लापरवाही व गलती की सजा वर्तमान सरकार को न भोगना पड़े। सरकार के दिशा निर्देश पर 2011 से प्राइवेट स्कूल RTE के तहत बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दे रहे है। इन 12 सालों पर लगभग मप्र के प्रत्येक स्कूलों में RTE के बच्चों की संख्या 50% से अधिक हो चुकी है। ऐसे में दो दो साल विलंब से RTE की राशि का भुगतान नही होगा। तो कैसे व्यवस्थित स्कूल संचालित होंगे। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की ढुलमुल रवैया RTE राशि में जानबूझकर लापरवाही के कारण प्राइवेट स्कूलों को देरी से भुगतान होता है। कोरोना काल से प्राइवेट स्कूलों की स्थति नाजुक है स्कूलों ने अपने आपकों कर्जे में सुरक्षित रखा था। धीरे धीरे स्कूल दो से तीन सालों में गति में आयेंगे। लेकिन ऐसे में राज्य शिक्षा केन्द्र RTE की राशि का भुगतान जानबूझकर नही करेगा और ऐसे में सरकार भी चुप रहेगी तो कैसे चलेगा। सरकार की चुप्पी सरकार को ही भारी न पड़ जाये। माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी व शिक्षा मंत्री परमार जी को इस विषय पर संज्ञान लेते हुये शीघ्र ही 30 मई तक 2021 – 22 एवं शेष स्कूलों की 2020 – 21 का RTE की राशि जारी करवाने का आदेश जारी करवाये। राज्य शिक्षा केन्द्र की लापरवाही सरकार माननीय मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जी की छवि धूमिल कर रही है। मप्र के 80% प्राइवेट स्कूलों का मुख्य आधार स्कूल फीस होती है उसमें भी दो दो वर्षो तक RTE की राशि समय पर न मिले तो मप्र के 80% प्राइवेट स्कूल का अस्तित्व ही मिट जायेगा। इस विषय पर सरकार आदेश करे 30 मई तक RTE की राशि जारी करे। RTE की राशि सिर्फ जारी करना है प्रक्रिया सभी हो चुकी है।
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