खंडवा GRP की बडी कार्रवाई चलती ट्रेन मे मोबाइल लूटने वाले शातिर अपराधी जीआरपी खंडवा की गिरफ्त में

शेख़ आसिफ़ ब्यूरो SJ न्यूज एमपी खंडवा

खंडवा GRP पुलिस ने ट्रेन में लूटपाट करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। बदमाश रेल यात्रियों के मोबाइल फोन छीनकर चलती ट्रेन से कूद जाते थे। उनके शातिर दिमाग को इस तरह समझा जा सकता है कि, दोनों बदमाश बाइक लेकर रेलवे ट्रैक किनारे मेंटनेंस पाइंट ढूंढ़ते थे, यानी जहां काम चल रहा होता है। इसके पीछे की वजह यह कि, मेंटनेंस पाइंट पर ट्रेन की रफ्तार कम हो जाती थी। रफ्तार धीमी होते ही वो ट्रेन में चढ़कर यात्रियों से छीना झपटी करके मोबाइल चुरा लेते थे। इन्ही मोबाइल को चुराकर आधी कीमत में बेच देते थे।

हाथों में लोहे की रॉड मारकर लूटपाट करते थे

पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की, उनके कब्जे से मोबाइल फोन के अलावा लोहे की रॉड भी मिली है। लोहे की रॉड का उपयोग वे लोग उस समय करते थे, जब वे ट्रेन में चढ़ नहीं पाते थे। यानी जो यात्री ट्रेन के गेट पर बैठकर मोबाइल चलाते है, उनके हाथ पर रॉड से हमला कर देते थे। ऐसे में मोबाइल नीचे गिर जाता था, बाद में मोबाइल उठाकर रफू चक्कर हो जाते। शातिर इतने थे कि, घटना से पूर्व घूमने के बहाने मोटरसाइकिल से घटनास्थल की रैकी करते थे। ट्रेन के खड़े होने पर एक आरोपी ट्रेन में जाकर चोरी करता और दूसरा सड़क पर मोटरसाइकिल लेकर खड़ा रहता।

जीआरपी थाने पर कई यात्रियों ने दर्ज

कराई थी शिकायत

थाना जीआरपी पर 28 अप्रैल 2023 को यात्री रूपेश कौशल पिता हेमराज कौशल (19) निवासी ग्राम बेरछा, तहसील महू, जिला इंदौर ने शिकायत की थी। वह कामायनी एक्स में खंडवा से भुसावल की यात्रा कर रहा था। इसी दौरान दरवाजे के पास बैठकर मोबाइल चला रहा था। तभी रेल्वे स्टेशन मांडवा में एक व्यक्ति चढ़ा और हाथ में लोहे की राड मारकर पोको एम-2 प्रो कंपनी का मोबाइल छीन लिया।

इसी प्रकरण में पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन शुरू की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन खंगाली तो खंडवा के पिपलोद थाना क्षेत्र के गांव तलवड़िया टांडा में सखाराम पिता सपित बर्दे (32) नाम का व्यक्ति इसे ऑपरेट कर रहा था।

पुलिस ने उसे उठाया और पूछताछ की तो नेपानगर के सागफाटा निवासी सतीश उर्फ घुचा से खरीदना बताया। फिर सकाराम को उठाकर पूछताछ की। सकाराम ने अपने साथी गांव के ही राकेश उर्फ कुली के साथ वारदात करना कबूल किया। इन्होंने तीन अन्य वारदातें भी कबूल की।

दो महीने से जांच में जुटी थी जीआरपी पुलिस

इस केस को लेकर दो महीने जीआरपी पुलिस जुटी हुई थी। टीआई बी. व्ही. एस. परिहार, एएसआई रामाश्रय द्विवेदी, शोभाराम वट्के, प्रधान आरक्षक कैलाश चंद, संदीप मीणा, हरिओम सिंह, रवि राठौर, जयवीर सिंह, अनूप जाट आदि की सराहनीय भूमिका रही है।

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