उमरियासंतो की कृपा वा आशीर्वाद से सदैव अभिसिंचित रही है भाजपा :परम पूज्य बच्चू महाराज  जिला भाजपा कार्यालय में हुआ संतो का जमावड़ा

उमरिया से संजय तिवारी की खबर

उमरियासंतो की कृपा वा आशीर्वाद से सदैव अभिसिंचित रही है भाजपा :परम पूज्य बच्चू महाराज  जिला भाजपा कार्यालय में हुआ संतो का जमावड़ा

भाजपा जिला कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे सदन उमरिया में परम तपस्वी संत शिरोमणि अनंत बिभूषित भगवत कृपा से युक्त संत श्री बच्चू महाराज जी का आगमन हुआ जहां जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दिलीप पाण्डेय जी, बांधवगढ़ विधायक श्रीशिवनारायण सिंह जी ने संतश्री को साल एवं श्रीफल भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान श्रीबच्चू महाराज जी ने कार्यालय का भ्रमण अवलोकन कर प्रसन्नता ब्यक्त करते हुए आशीष प्रदान किया। विदित है कि 1 वर्ष पहले ही जिला भाजपा कार्यालय का लोकार्पण हुआ था।अल्प समय में ही भव्य सर्व सुविधा युक्त कार्यालय का निर्माण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा जी के मार्ग दर्शन में जिला अध्यक्ष श्री दिलीप पाण्डेय जी और उनकी टीम के द्वारा करवाया गया था। कार्य की तीव्रता और कार्यालय निर्माण हेतु जिला अध्यक्ष जी के समर्पण भाव की प्रदेश अध्यक्ष जी ने भी सराहना की थी। 1 वर्ष की अवधि में इस दिव्य भव्य सर्व सुविधा युक्त आधुनिक इमारत का बनकर तैयार होना किसी चमत्कार से कम नही था। ज्ञात है कि अमोलेश्वर धाम ( अमोल खोह ) उमरिया जिले के घने जंगल मे प्राकृतिक सौन्दर्य की छटा बिखेरती वादियो के बीच इस्थित है जहाँ साक्षात गौरीशंकर भगवान सपरिवार गणों सहित पवित्र धाम मे विराजमान है। उमरिया और डिंडौरी जिले की सीमा पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य वा ईश्वरीय चेतना से भरा दर्शनीय वा आध्यात्मिक स्थल है। अमोलेश्वरधाम प्रकति की रमणीय वादियो के मध्य स्थित होने के कारण अत्यंत ही सुंदर एवं मनमोहक दिखाई देता है ,यह स्थान ऋषि मुनियों की तपोस्थली भी है।इसे अमोल आश्रम भी कहते है, जिसमे अमोल का अर्थ अमूल्य” है।यहाँ की महिमा यहां का प्रभाव और यहां के चमत्कार का धाम आने मात्र से स्वतः ही आभास हो जाता है। गम्भीर शान्त चित्त देव तुल्य श्री श्री बच्चू महाराज “बच्चू बाबा इस धरती के दुर्लभ अद्भुत और चमत्कारिक संतौ मे से एक है जिनके दर्शन मात्र से अपार सुख शान्ति और देव दर्शन की अनुभूति होती है।सद्गुरुदेव श्रीअनंतबिभूषित भगतगिरी पूज्य बच्चू बाबा बाल्यकाल से ही दीक्षा लेकर विश्व कल्याण हेतु साधनारत है साथ ही श्री श्री 1008 श्री मंहत भगतगिरी बच्चू महाराज जी श्री पंचदशनामी जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री भी है। जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दिलीप पाण्डेय जी ने कहा कि भगवत कृपा के साक्षात्कार हेतु प्रकति की गोद मे स्थित अमोल आश्रम एक बार अवश्य जाना चाहिये। यहां मुख्य द्वार के पास ही लक्ष्मण कुंड है, ऐसी मान्यता है की इस कुंड में स्नान करने से कई तरह की ब्याधि दूर हो जाती है। आश्रम प्रांगण में कई मंदिर है यहाँ मुख्य मंदिर में भगवान शिव सपरिवार विराजमान है।धाम में स्थित कैलाश गुफा में भगवान शिव का वास है। जहाँ गुफा के अंदर एक प्राकृतिक शिवलिंग आज भी मौजूद है जिसके दर्शन करने के लिए भक्तजन दूर दूर से आश्रम आते है। कैलाश गुफा से थोड़ी दूरी पर स्थित है हनुमान धारा , यहां पहाड़, सिलाओ पर हनुमान जी की प्रतिमा उभरी दिखाई देती है एवं यहाँ बूंद बूंद कर झरने की तरह पानी गिरता है इसलिए इस स्थान को हनुमान धारा कहते है , यह स्थल भी बहुत सुंदर है। जिला भाजपा कार्यालय पधारे संतशिरोमणि जी का स्वागत करते हुए जिला अध्यक्ष जी ने कहा कि आप संतो के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही मानव जीवन सार्थक होता है। संत कृपा से ही मानव जीवन मानवीय मूल्यों और माधव सेवा से युक्त होता है। सद्गुरुदेव की कृपा बिना जीवन में उन्नति नहीं हो सकती एक संत ही है जिनके आगमन से भक्तों के जीवन से समस्त कष्ट उलझनों से मुक्ति होती है।ऋषियों की इस जागृत धरा पुण्यभूमि देवभूमि वेदभूमि भारतभूमि में अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरं तस्मै श्री गुरुवे नम:’ कह कर गुरु की आराधना की जाती है यह एक चिरंतन पुरातन सत्ता के रूप में की गई है l विश्व की सनातन संस्कृति में गुरु को परम भाव माना गया है जो कभी नष्ट नहीं हो सकता, इसीलिए गुरु को केवल व्यक्ति नहीं अपितु विचार की भी संज्ञा दी गई है। इसी दिव्य भाव ने हमारे राष्ट्र को विश्वगुरु की पदवी से विभूषित किया.जब जब राष्ट्र पर संकट आया, विधर्मी ताकतों ने सनातन की ओर कुदृष्टि दौड़ाई, तब तब गुरुओं ने अपने तप, त्याग, तेज आदि से धर्म की रक्षा की. चाहे वह प्रभु श्रीराम के गुरु विश्वामित्र जी हों, या प्रभु श्रीकृष्ण के गुरु संदीपनी जी,या चाहे वह महर्षि दधीचि हों, आदि शंकराचार्य हों, चाणक्य हों या राजमाता जीजाबाई.. धर्म की रक्षा के लिए समय समय पर ऐसे अनगिनत भगवत पार्षदों ने गुरु बनकर ज्ञान तथा शौर्य की ऐसी ज्योति जलाई जिससे धर्म जागरण की मशाल आज भी दीप्तिमान हो रही है तथा विधर्मियों के तमाम हमलों के बाद भी सनातन बचा हुआ है।

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