नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफSj न्यूज़ एमपी रायसेन
रायसेन।सर्द-गर्म मौसम में लोग उल्टी-दस्त और वायरल फीवर की चपेट में आ रहे,मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही लोगों की सेहत डावांडोल हो रही है। इसके चलते जिला अस्पताल की ओपीडी मरीजों से फुल रही। नए वायरस के चलते यहां लंबे समय से सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों का एंटीजन किट से टेस्ट किया जा रहा है। इसके बाद ही आगे की जांच और दवाइयां प्रदान किया जा रहा है। संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
कोविड टीकाकरण पर लगा ब्रेक…सावधानी के प्रति भी बढ़ी लापरवाही
कोरोना संक्रमण का असर समाप्त होते ही अब कोबिड टीकाकरण पर भी ब्रेक लग गया है। सूत्रों की मानें तो जिले में 5 लाख 67 हजार 277 लोगों को प्रथम डोज का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 104 प्रतिशत याने की 4 लाख 96 हजार 766 लोगों को टीका लगाया गया। इसी तरह दूसरे डोज के रूप में 6 लाख 26 हजार 165 के लक्ष्य के विपरीत 4 लाख 44 हजार 730 लोगों को टीका लग पाया। जबकि अभी भी लाखों लोग लोग बूस्टर डोज नहीं लगवा पाए हैं।
कोविड जांच करने लगी ड्यूटी….
लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिला अस्पताल में क्षयरोग जांच केन्द्र के बाजू में कोविड जांच के लिए अलग से यूनिट बनाया गया है। इसमें प्रशिक्षित स्टाफ नर्साें ड्यूटी भी लगाई गई है। बताया गया है कि यहां प्रतिदिन 100 से अधिक लक्षण वाले मरीजों का एंटीजन किट से कोरोना जांच किया जा रहा है।
इस तरह सर्द-गर्म मौसम में वायरल फीवर का संक्रमण तेजी से फैलता है। इससे बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डॉ एके शर्मा सिविल सर्जन
कोरोना संक्रमण के प्रचार-प्रसार में कमी आने के बाद भी लोग सुरक्षित नहीं है। बेमौसम बारिश और वातारवरण में आए परिवर्तन के चलते वर्तमान में वायरल फीवर का नया संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। ऐसे में लक्षण वाले मरीजों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। हालांकि अब इस रायसेन के जिला में नया वासरस से पीड़ित एक भी मरीज नहीं मिले हैं। इसके बाद भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मीडिया कर्मियों ने जिला अस्पताल की ओपीडी का जायजा लिया। देखा गया कि अस्पताल की ओपीडी खुलते ही लोगों की भारी भीड़ लग गई थी।पर्चा काउंटर से लेकर ओपीडी तक मरीज और उनके परिजन पर्ची बनवाने के लिए कतारबद्ध खड़े थे। दोपहर करीब 1.30 बजे तक पर्ची बनाने का काम चलता रहा। ओपीडी कक्ष में डाक्टर के आते ही मरीजों की भीड़ टूट पड़ी। जांच के दौरान अधिकांश मरीज सर्दी, खांसी, बदन दर्द समेत अन्य रोग से पीड़ित मिले। गंभीर मरीजों को जांच के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल विशेषज्ञ डॉ यशपाल बाल्यान डॉ एमएल अहिरवार ने बताया कि बेमौसम बारिश और अनियमित खानपान के चलते लोग पेट दर्द, सर्दी, खांसी, बुखार और जलजनित बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। ऐसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि वर्तमान में जिला अस्पताल का मेल और फीमेल वार्ड मरीजों से फुल हो गया है।
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