मोक्ष का मार्ग श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ,पं. श्री दीनदयाल शास्त्री महाराज , भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव में हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की जयकारों की रही गूंज

ब्यूरो चीफ ब्रजेश रजक सागर

मोक्ष का मार्ग श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ,पं. श्री दीनदयाल शास्त्री महाराज , भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव में हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की जयकारों की रही गूंज

 ग्राम सेमरा खेड़ी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में गत दिवस भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया कथा वाचक पं. श्री दीनदयाल शास्त्री महाराज (श्री धाम वृंदावन) के मुखारविंद से उपस्थित सभी भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन सोमवार को धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। भागवत कथा में भगवान के जन्मोत्सव को लेकर मंच को फूलों की मालाओं और गुब्बारों से विशेष रूप से सजावट की गई। इस विशेष दिन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। कथावाचक पं. श्री दीनदयाल शास्त्री महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वासुदेव के आठवें संतान के रूप में होता है।

देवकी व वासुदेव का अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी जो देवताओं की होकर जीवन जीती है और वासुदेव का अर्थ है जिसमें देव तत्व का वास हो। ऐसे व्यक्ति अगर विपरीत परिस्थितियों की बेड़ियों में भी क्यों न जकड़े हो, भगवान को खोजने के लिए उन्हें कहीं जाना नहीं पड़ता है। बल्कि भगवान स्वयं आकर उसकी सारी बेड़ी-हथकड़ी को काटकर उसे संसार सागर से मुक्त करादिया करते हैं। कथावाचक ने कहा कि हर मनुष्य के जीवन में छह शत्रु हैं, काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ व अहंकार। जब हमारे अंदर के ये छह शत्रु समाप्त हो जाते हैं तो सातवें संतान के रूप में शेष जी जो काल के प्रतीक हैं वो काल फिर मनुष्य के जीवन में आना भी चाहे तो भगवान अपने योग माया से उस काल का रास्ता बदल देते हैं।तब आठवें संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार होता है। जिसके जीवन में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति आ गई तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया। कथा के बीच में भगवान श्री कृष्ण जी के बाल रूप की आकर्षक झांकी भी निकाली गई। जो बाल रूप की झांकी बहुत ही मनमोहक रही।जिसको श्रद्धालुओं ने हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के जयकारों के साथ खूब निहारा एवं भगवान श्री कृष्ण को दूध दही मक्खन मिश्री के साथ फल का भोग लगाया गया जन्मोत्सव के मौके पर भक्ति भाव के साथ भजनों को सुनते हुए श्रद्धालु झूमते नृत्य करते हुए आनंदित रहे, एवं कथा के चतुर्थ दिवस में क्षेत्र से ग्राम देवरी सिलारी, पुरैना,बेलढाना,मछरिया,छेवला,चीमाढाना, हथखोह, आदि भिन्न ग्रामों से सैकड़ों की संख्या में भक्त श्रद्धालू उपस्थित रहें।श्रीमद् भागवत कथा के आयोजकर्ता बिहारी लाल लोधी, दिलीप सिंह, निर्भय सिंह, हरिशंकर लोधी, देवेन्द्र सिंह, राजाराम सिंह लोधी शिक्षक एवं समस्त लोधी परिवार ने क्षेत्र के सभी भक्त श्रध्दालुओं से कथा श्रवण हेतु उपस्थित होने के लिए आग्रह किया जिससे भक्ति रूपी रसपान के लिए उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित करें।

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