एक साथ जन्मे… पुलिस में एक साथ भर्ती और अब विदाई भी एक साथ, जानिए दो भाईयों की दिलचस्प कहानी
हमशक्ल जुड़वा भाई भीम-अर्जुन की जोड़ी मंगलवार को पुलिस बेड़े से विदा हो गई। करीब 38 साल की पुलिस सेवा के दौरान दोनों भाइयों की आधी से ज्यादा पोस्टिंग एक साथ ही रही।
अलवर। हूबहू चेहरा…समान कद-काठी और वो ही आवाज। खाकी वर्दी पर फीत भी एक जैसी। इन्हीं सब समानताओं के कारण हमेशा चर्चाओं में रहने वाले हमशक्ल जुड़वा भाई भीम-अर्जुन की जोड़ी मंगलवार को पुलिस बेड़े से विदा हो गई। पुलिस लाइन अलवर से मंगलवार को ये दोनों हैडकांस्टेबल भाई सेवानिवृत हुए, जिन्हें साथी पुलिसकर्मियों ने भावभीनी विदाई दी।
मुंडावर के हुलमाना खुर्द गांव में किसान बलवीर सिंह यादव के घर 25 अप्रेल 1964 को जुड़वा बच्चों के रूप में भीम और अर्जुन का जन्म हुआ। वर्ष 1986 में भीम टोंक और अर्जुन अलवर जिले से राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए। करीब 38 साल की पुलिस सेवा के दौरान दोनों भाइयों की आधी से ज्यादा पोस्टिंग एक साथ ही रही। भीम के दो पुत्र और एक पुत्री हैं। बड़ा पुत्र प्रमोद आर्मी मेडिकल में सूबेदार पर है और पुत्रवधू रेखा यादव मेडिकल में नर्सिंग ऑफिसर है। छोटा पुत्र विकास रेलवे अजमेर में कार्यरत है। छोटी पुत्रवधू प्राइवेट व्यायाता है। वहीं, अर्जुन के दो पुत्र हैं। पुत्र प्रतीक यादव राजस्थान पुलिस में कमांडो है। पुत्रवधू प्राइवेट टीचर है। छोटा पुत्र पीयूष यादव सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर है।
अब समाजसेवा करेंगे
पत्रिका से बातचीत करते हुए जुड़वा भाई भीम और अर्जुन बोले कि उन्होंने पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी से 38 साल पुलिस सेवा में रहकर काम किया। अब उनका मन समाज के बीच रहकर समाज सेवा करना है।
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