रेस्ट हाउस मामले में ढाई माह के बाद भी कार्रवाई का इंतजार जांच अधिकारी के प्रतिवेदन पर भी नहीं हुई कार्यवाही
टीकमगढ़। जिले में वन विभाग के रेस्ट हाउस में 21 जनवरी की रात करीब 9 से 10 के बीच में अय्याशी का एक मामला सामने आया था, जिस पर सूचना मिलते ही तत्काल वन विभाग की एसडीओ अमिता केवी द्वारा एवं अन्य स्टाफ को लेकर रेस्ट हाउस में छापा मारा गया था। जिसमें मौके पर वन विभाग के बाबू नरेन्द्र सिंह गौर, वनरक्षक मातादीन रैकवार व चौकीदार मगन लाल पाए गए थे एवं कुछ समय बाद कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। इस मामले में 22 जनवरी की सुबह से ही यह खबर आग की तरह पूरे शहर सहित जिले भर में फैल गई थी। शहर में चल रही चर्चाओं की मानें तो रेस्ट हाउस में एक महिला भी थी, जिसको अय्याशी करने के लिए रेस्ट हाउस बुलाया गया था। जानकारी के अनुसार जब रेस्ट हाउस में एसडीओ पहुंची थी, तब वहां पर कोई महिला नहीं पाई गई थी। यह खबर फैलते ही जिले की मीडिया में यह मामला काफ ी तूल पकडऩे के बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच के आदेश जारी किए गए थे। इस मामले की जांच एसडीओ अमिता केवी द्वारा की गई, जिसका प्रतिवेदन वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत किया जा चुका है, लेकिन अभी तक वन विभाग के अधिकारियों द्वारा दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी दोषियों पर कार्यवाही करने से बचने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं इसी वन मंडल टीकमगढ़ के अंतर्गत रेंज कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-.3 श्रीमती अंजना प्रभाकर को एक वनरक्षक के लिखित आवेदन पर बिना जांच किए हुए उनको तत्काल निलंबित कर दिया गया था। वहीं रेस्ट हाउस वाले मामले ढाई माह गुजर जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा आज तक बाबू के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
इन्होंने कहा है कि-
इस मामले को लेकर सीसीएफ छतरपुर से सम्पर्क कीजिए, यदि मेरे पास लिखित शिकायत आती है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
असीम श्रीवास्तव
पीसीसीएफ , वन बल प्रमुख, भोपाल
इस मामले को लेकर मेरे पास जांच अधिकारी का प्रतिवेदन नहीं आया है, इस संबंध में डीएफओ टीकमगढ़ से बात कीजिए।
संजीव झां
मुख्य वन संरक्षक छतरपुर
इस मामले के संबंध में टीकमगढ़ डीएफ ओ गर्भित गंगवार द्वारा फ ोन रिसीव नहीं किया गया।
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