सर्वपितृ अमावस्या पर इंद्रयोग में विदा होंगे पितृदेव

*सर्वपितृ अमावस्या पर इंद्रयोग में विदा होंगे पितृदेव*

 

अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के अगले दिन सर्वपितृ अमावस्या पड़ती है। सनातन संस्कृति में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इसी दिन श्राद्ध पक्ष का भी समापन होता है। अगर कोई भी किसी कारणवश तर्पण, श्रद्धा, ङ्क्षपडदान करना भूल जाता है तो मोक्षदायिनी सर्वपितृ अमावस्या के दिन इसे किया जा सकता है। इस दिन पवित्र नदियों, जलाशय में स्नान कर जल, तिल में जौ, सफेद फूल, कुशा के साथ तर्पण कर पितरों को जलांजलि दी जाती है।

ज्योतिषाचार्य डॉं.सतीश सोनी के अनुसार 13 अक्टूबर की रात 9.50 बजे से अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी। जो 14 अक्टूबर रात 11.24 बजे तक रहेगी। अमावस्या शनिवार के दिन पढऩे से इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जाएगा। इसके साथ ही इस दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लग रहा है तथा इंद्रयोग सुबह 10:25 बजे तक, उसके बाद बेघृति योग के संयोग में हस्त नक्षत्र ऑडल योग रहेगा।

अमावस्या पर साल का अंतिम सूर्यग्रहण भी, भारत में दिखाई नहीं देगा

मोक्षदायिनी अमावस्या के दिन शनिचरी अमावस्या होने के साथ इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है, ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। जो भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण, ङ्क्षपडदान और ऋषि देव एवं पितृ पूजन के बाद पंचबली कर्म कांड कर ब्राह्मणों को भोजन करा कर यथा शक्ति दान दिया जाता है। इसके साथ ही पितृ सूक्त का पाठ, गीता पाठ, पितृ स्त्रोत का पाठ, गायत्री पाठ पितरों की आत्मा शांति के लिए सुनाया जाता है।

सर्व पितृ तर्पण महायज्ञ का आयोजन सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन 14 अक्टूबर को लक्ष्मीबाई कॉलोनी के कम्युनिटी हॉल में किया जाएगा। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य डॉ.एके वाजपेयी ने देते हुए बताया कि पितृपक्ष के दौरान जानकारी के अभाव में यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने पूर्वजों को पानी देने में कोई कमी रह जाती है, तो वह इस आयोजन में शामिल होकर विधि-विधान से तर्पण कर सकता है। इस नि:शुल्क कार्यक्रम में तर्पण में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है।

महाराष्ट्र ब्राह्मण सभा द्वारा सामूहिक तर्पण कार्यक्रम 14 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से सभा के जीवाजीगंज स्थित मुले भवन में किया जाएगा। प्रवक्ता निशिकांत सुरंगे ने बताया कि तर्पण में पुरुष व महिलाएं भारतीय परिधान में उपस्थित हो सकते हैं। सहभागी होने के लिए सचिव दत्ता भालेराव से 11 अक्टूबर तक नाम की प्रविष्टि कराएं। अध्यक्ष अशोक खेड़कर ने कार्यक्रम

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