रामनगर के गोमती व्यापारियों को हाई कोर्ट से बड़ा झटका

ज्ञानेंद्र कुमार यादव की रिपोर्ट

रामनगर के गोमती व्यापारियों को हाई कोर्ट से बड़ा झटका

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर ने नगर परिषद रामनगर क्षेत्र में सड़क के किनारे दुकाने और गुमटियां लगाकर व्यापार कर रहे गोमती व्यापारियों को बड़ा झटका देते हुए स्पष्ट किया है कि उन्हें सार्वजनिक सड़कों या मार्गों पर अतिक्रमण करने का कोई अधिकार नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि सड़क किनारे व्यापार करना योजना और विकास के सिद्धांतों के विपरीत है और इससे यातायात बाधित होने के साथ ही दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। अदालत ने यह फैसला उस रिट याचिका को खारिज करते हुए सुनाया,जिसे एक गोमती व्यापारी ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए दायर किया था।

 *कोर्ट ने क्या कहा*

कोर्ट याचिकाकर्ता के आवेदन को सुनते हुए कहा की यदि याचिकाकर्ता वाकई विस्थापित व्यक्ति है, तो उसे संबंधित प्राधिकारी के समक्ष मुआवजा या पुनर्वास के लिए आवेदन करना चाहिए। लेकिन सड़क पर अतिक्रमण कर कोई दावा करना वैध नहीं माना जा सकता।

*कुछ व्यापारियों ने छिपाई जानकारी*

हाईकोर्ट के इस आदेश को कुछ लोगों ने जानबूझकर छिपाए रखा,जिससे अधिकांश व्यापारी इसकी जानकारी से वंचित रह गए। इस वजह से नगर परिषद के खिलाफ व्यापारियों में नाराजगी फैल गई है। कुछ लोगों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए उन्हें भ्रमित किया और नेतागिरी चमकाने के चक्कर में गरीब व्यापारियों को आगे कर दिया

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