संकट में अन्नदाता-रायसेन में आफत की बारिश, ओलावृष्टि, गेहूं चना की फसल को नुकसान, चने के आकार के ओले गिरे अन्नदाता चिंता में

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ Sj न्यूज़ एमपी रायसेन

एंकर रायसेन।जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में लगभग एक सप्ताह से रात और शाम के समय आफत की बेमौसम बारिश और ओले गिरने से किसानों की जान सांसत में है।लगातार मौसम और प्रकृति आपदा की मार से परेशान किसानों की गेंहू चना फसलों ने उनकी कमर तोड़ दी है।लगातार फसलें खराब होने से किसानों को बैंकों साहूकारों का कर्ज चुकाने की चिंता उन्हें सताने लगी है।
सोमवार को शाम और रात लगभग ढाई बजे आसमान में छाए बादलों ने बिजली की गरज चमक के बीच ना बल्कि जमकर की झड़ी लगाई।साथ ही जिला मुख्यालय पर चने बैर के आकार के ओलों की बरसा हुई।सुबह के समय धूप खिली दोपहर बाद आसमान पर काले बादलों ने डेरा डाल दिया।शाम 7 बजे आसमान पर छाए काले मेघों ने उमड़ घुमड़ कर तेज हवा आंधी के साथ बारिश ने जमकर तबाही मचाई।यह बारिश का सिलसिला पिछले हफ्ते भर से लगातार जारी है।ऐसा लग रहा है मानो चैत्र महीने में सावन भादों की झड़ी लगी हो। जिले के कस्बा सुल्तानगंज तहसील बेगमगंज सहित कई गांव में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। देखने में ऐसा लगा मानो ओलों की सफेद चादर बिछी हो।साथ ही कुछ स्थानों में ओले गिरने से गेहूं की फसल बिछ गई। जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है।जिले के दर्जनों गांवों में तेज बादलों की गड़गड़ाहट के साथ ओलावृष्टि देखने को मिली। अन्य गावों में चने और बैर व के आकर के ओले गिरे हैं। जिससे गांव के खेतों में खड़ी गेंहू चने की फसलों को नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग के आकड़ों पर नजर डालें तो रायसेन जिले में करीब पौने2 लाख हैक्टेयर गेहूं और डेढ़ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में चना फसल की फसल बोई गई है। जिसमें से अभी 10 से20 फीसदी ही गेहूं की कटाई हो पाई है। बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। अब किसान फसलों का सर्वे कर मुआवजा दिलाने की बात कर रहे हैं। हालांकि अभी तक कृषि विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का सर्वे ही शुरू नहीं करवाया है।कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी सहित किसान संगठनों ने भी किसानों के हित में सड़कों पर उतरकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है।
किसान बोले- उत्पादन पर पड़ेगा असर….
पैमत बनछोड निवासी लल्लू शाह हुकम सिंह तेकाम ने बताया कि उन्होंने 12 बीघा में गेहूं की फसल लगाई थी। जिसमें से 6 बीघा की फसल बारिश और हवा के कारण खेत में ही बिछ गई है। ऐसे में फसल खराब होने से उन्हें लगभग 50 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं किसान राम प्रसाद बद्री प्रसाद बाला प्रसाद सिंगरौली का कहना है कि बारिश ने फसल बर्बाद करके रख दी है। बारिश और ओलावृष्टि का असर फसल के उत्पादन पर भी दिखेगा। विभाग ने अब तक सर्वे ही नहीं कराया है। ऐसे में मुआवजा मिलना मुश्किल दिख रहा है।
5-7 दिन मौसम में घुली रहेगी ठंडक
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि अभी एक सिस्टम ईरान में सक्रिय हुआ है। जिसका असर प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिलेगा। 23 मार्च के बाद राहत मिलने की संभावना है। इसके बाद मौसम का खतरा धीरे-धीरे कम होने लगेगा लेकिन फिर भी 5-7 दिन तक मौसम में ठंडक घुली रहेगी।
रिपोर्ट के बाद कराया जाएगा सर्वे….
कलेक्टर अरविंद दुबे कृषि विभाग के उपसंचालक एनपी सुमन ने बताया कि
जिले में बारिश और आंधी चलने से खराब हुई फसलों की रपोर्ट मांगी गई है। बाड़ी गौहरगंज गैरतगंज बेगमगंज में बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद जल्दी ही जहां फसलों का ज्यादा नुकसान हुआ है। वहां का सर्वे करवाया जाएगा। जहां ओलावृष्टि हुई वहां का भी जल्द सर्वे कराया जाएगा।

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