अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मस्तिष्क एवं ईएनटी विभाग की टीम ने दिया एक और सफल सर्जरी को अंजाम

इरफान अंसारी उज्जैन

अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मस्तिष्क एवं ईएनटी विभाग की टीम ने दिया एक और सफल सर्जरी को अंजाम

देवास: अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बार फिर चिकित्सा क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया है। 19 वर्षीय मरीज रितुबाला, जो पिछले 10 साल से असहनीय सिरदर्द और एक आंख की दृष्टि खोने की समस्या से जूझ रही थी, कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मुंबई और दिल्ली के बड़े अस्पतालों में भेजने का सुझाव दिया। वहां पर सर्जरी बहुत महंगी बताई गई, जिसे परिजन की आर्थिक स्थिति के कारण वहन करना मुश्किल था।

अंततः, वह अमलतास अस्पताल आई, जहां मस्तिष्क रोग एवं ईएनटी विभाग में उसे जांच के बाद मस्तिष्क के अंदरूनी महत्वपूर्ण भाग पिट्यूटरी ग्रंथि में गठान का पता चला। इस गठान के कारण उसे सिरदर्द और एक आंख की रोशनी कमजोर हो गई थी। डॉक्टरों ने दूरबीन पद्धति (transsphenoidal anterior skull base surgery) नाक के रास्ते से बिना चीरे या टांके के सफलतापूर्वक गठान को निकाल दिया।

इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. मिलेश नागर, ईएनटी विशेषज्ञ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंशुल शर्मा, डॉ. सुरभि, और डॉ. हर्ष ने किया। एनेस्थिसिया टीम डॉ.राकेश ,डॉ.देवेश ,डॉ.महेंद्र के सहयोग से यह सर्जरी चार घंटों में सफलतापूर्वक पूरी हुई। डॉक्टरों के अनुसार, अगर समय पर सर्जरी नहीं होती, तो गठान मस्तिष्क की अन्य नसों को भी प्रभावित कर सकती थी, जिससे मरीज को लकवा हो सकता था एवं दूसरी आँख की रौशनी भी प्रभावित हो सकती थी।

सर्जरी के बाद मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज मिला। अमलतास अस्पताल के चेयरमैन श्री मयंक राज सिंह भदौरिया ने डॉक्टरों की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी।

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