पीपली से पंडित नन्दन शर्मा की खबर
ग्राम पिपली में श्रीमद्भागवत की कथा में हुआ कृष्ण रुक्मणि विवाह
पिपली । ग्राम पिपली में भागवत कथा वाचक पंडित श्री घनश्याम दास जी बड़गयार वाले ने कहा कि गोपियों ने भगवान को गोपी गीत सुनाया गोपियों की प्रार्थना सुन भगवान ने गोपियों के साथ शरद पुर्णिमा के दिन महारास किया।जिसमें भगवान शंकर स्वयं गोपेश्वर महादेव का वेश धारण कर वृंदावन पधारे ।
भगवान श्री कृष्ण ने 11 वर्ष की ब्रजलीला को विश्राम कर के मथुरा पधारे मथुरा में कंस का वध किया।उज्जैन में 84 दिन में 84 विद्या का अध्ययन किया।भगवान की आज्ञा से सुन्दरपुरी का निर्माण हुआ जिसका नाम द्वारकापुरी पड़ा।भगवान वहां के राजा बने और भगवान ने प्रथम पाणिग्रहण माता रुक्मणि के साथ किया।उपरोक्त उदगार श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ जजमान गोपाल लिंबाजी मुकाती पिपली के निवास पर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस व्यासपीठ पर विराजित पंडित श्री घनश्याम दास जी एवम गांव के वरिष्ठ समाज सेवी भीमाजी मुकाती ने व्यक्त करते हुए
सभी भक्त जनो का आभार प्रकट किया एवम श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ , पंडित श्री घनश्याम दास जी महाराज मुख्य जजमान गोपाल मुकाती ने व्यासपीठ का विधि विधान से पूजन किया। ने महाराज श्री का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। पंडित जी महाराज ने कथा में कहाकि पुण्य सलिला माँ नर्मदा का हर कंकड़ शंकर है वैसे ही वेत्रवती का एक कंकड़ हर और दूसरा हरि है।इसलिए हमें पावन नदियों की महिमा को समझना चाहिए और सभी को जल संरक्षण व संवर्धन का प्रयास करना चाहिए।गोवर्धन नाथ की पूजा के साथ जल,वन व वृक्ष का संरक्षण हमारा कर्तव्य है। व ।कथा में बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।महाआरती व प्रसाद वितरण पश्चात आज की कथा का विराम हुआ। एवं मुकाती परिवार की ओर से दिनांक 28 सितंबर शनिवार को भंडारा का आयोजन शाम 5 बजे सिरवी समाज धर्म शाला में किया
जाएगा
निलेश मुकाती ने सभी का आभार माना। पिपली से ब्यूरो चीफ पंडित नंदन शर्मा की खबर
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