एक ही कुशा के आसन पर बैठकर निराहार रहकर अखंड रामायण का पाठ किया चमत्कारिक घटनाएं का भी आभास हुआ ।परिवार में 39 सदस्यों की एकरूपता।
लोकेशन मनावर
भारतीय सनातन संस्कृति और ज्ञान की परिकाष्ठा का अनुसरण करते हुए स्वर्गीय शंकर बाबा चौपडीया द्वारा महान कवि तुलसीदास जी कृत रामायण का अखंड पाठ एक ही स्थान पर बैठकर निराहार रहकर करते थे। रामायण की चौपाइयां उन्हें कन्ठस्थ थी। राम के आदर्श जीवन को को अनुसरण कर गुरु दीक्षा लेकर संतो के संग सत्संग शुरू किया था। श्रीहनुमान जी के मंदिर में रामायण पाठ करते समय एक चमत्कारिक अनुभूति मूर्त रूप में हुई । वासुकी नाग रामायण पाठ कर रहे शंकर बाबा के आसपास परिक्रमा करके चले गए। स्वर्गीय शंकर बाबा चौपड़िया के आठ पुत्रों की एक जुटता को जो ज्ञान दिया, वह अदभुत्व ,आश्चर्य जनक है। आज की वर्तमान परिवेश में चौपड़िया परिवार में 39 सदस्यों का एक जुट रहना बहुत बड़ी बात है
। समाज सेवी रामेश्वर जी पाटीदार एडवोकेट ,डॉक्टर जगदीश जी पाटीदार,बद्रीलाल जी सीताराम जी, सुखदेव जी अमृत जी,दिनेश जी, मुकेश जी का हरा भरा परिवार छोड़कर शंकर बाबा मोक्षधाम को चले गए। दान देने की परंपरा प्राचीन काल ऋषि मुनियों से चली आ रही है ।दान देने से मनुष्य असीम सुख ,प्रकृति के करीब होता है। दान आनंदित मन एवम खुश होकर चोपड़ीया परिवार ने दिया, उसी के परिपेक्ष्य में सामाजिक , धार्मिक संस्थाओं में आस्था, विश्वास एवं सदभावना पूर्वक उन्होंने दान की राशि प्रदान की।
1)पुण्यतिथि स्मृति सहभोज हेतु पाटीदार समाज को 1 लाख रुपए, (2) गोकुलधाम गौशाला समिति को 21000 रूपये, (3)नर्मदा मंदिर बोधवाडा को 11000 रूपये,( 4)श्री अटल दरबार बंकनाथ मंदिर में 11000 रुपये, एवं इसी तरह 15 संस्थाओं को मिलाकर कुल 1 करोड रूपये की लगभग दान राशि दी गई। मध्य प्रदेश पाटीदार समाज के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णकांत पाटीदार ,जिलाध्यक्ष रामनारायण मोदी, समाजसेवी एवं सेवाभावी मोहन भाई पाटीदार भंवरिया एवं अन्य 78 गाँव के वरिष्ट पदाधिकारी उपस्थित थे।
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