ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी
लोकेशन रायसेन

रायसेन।मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले एकजुट हुए रायसेन जिले के आदिवासियों ने शुक्रवार को दो अलग-अलग मुद्दों को लेकर कलेक्टर अरविंद दुबे को ज्ञापन सौंपा
रायसेन।प्रदेश के सीधी जिले के कुबरी में हुई मानवता को शर्मासार करने वाली घटना से आदिवासी समाज में आक्रोश है। आदिवासियों का कहना है कि भाजपा के नेता ने जो घिनौना कृत्य किया है उससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा आदिवासी विरोधी सरकार है।
महामहिम राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में आदिवासियों ने मांग की है कि भाजपा के नेता प्रवेश शुक्ला जो बीजेपी सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक का प्रतिनिधि भी है,।उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।उन्होंने दोषियों के विरुद्ध एसटी एससी एक्ट के तहत कार्रवाई करने एवं पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की है।वहीं दूसरे ज्ञापन के माध्यम से जिले के आदिवासी समाज ने समान नागरिक संहिता कानून का विरोध किया है। महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन में आदिवासियों ने बताया कि विविधता में एकता ही हमारे देश की प्रमुख विशेषता है। देश में 705 आदिवासी समुदाय ऐसे हैं, जो अनुसूचित जनजाति (ट्रईबल) के रूप में सूचीबद्ध हैं।आदिवासी समाज अपने विवाह, तलाक, विभाजन, उत्तराधिकारी, विरासत, गोद लेने के मामले सदियों से चली आ रही प्रथा के तहत करते चले आ रहे हैं। लेकिन समान नागरिकता संहिता कानून लागू होने से सभी जनजातियों के प्रथागत कानून समाप्त हो जाएंगे।
इस कानून के लागू होने से आदिवासियों के पुराने रीतिरिवाज कमजोर होंगे और मातृसत्तात्मक व पितृसत्तात्मक दोनों के ही ढांचे में खलल पड़ेगा और वे टूट जाएंगे। आदिवासियों ने बताया कि समान नागरिकता संहिता कानून लागू होने से उनके अधिकारों का हनन होगा, उनकी धर्म, संस्कृति नष्ट हो जाएगी।
भाजपा सरकार आदिवासियों से उनके जंगल और जमीन छीनना चाहती है ।ताकि इन जमीन के नीचे छिपे खनिज के खजानों और अन्य संसाधनों को आसानी से बेचा जा सके। इन आदिवासियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मांग की है कि समान नागरिक संहिता कानून लागू न किया जाए, अगर ऐसा किया जाता है तो आदिवासी समाज अपनी पहचान खो देगा और पूरी तरह से मिट जाएगा।
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