अव्यवस्थित खान पान व दिनचर्या से लीवर का स्वास्थ खतरे में, बचाव के लिए करे योग प्राणायाम:- योगाचार्य महेश पाल 

मोहन शर्मा म्याना

अव्यवस्थित खान पान व दिनचर्या से लीवर का स्वास्थ खतरे में, बचाव के लिए करे योग प्राणायाम:- योगाचार्य महेश पाल

19 अप्रैल 2025 को हम 16 वा विश्व लिवर दिवस ‘भोजन ही औषधि है’ इस थीम के साथ मनाने जा रहे हैं, योगाचार्य महेश पाल बताते हैं कि, विश्व लीवर दिवस हर साल 19 अप्रैल को इस दिन का उद्देश्य लीवर के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और लोगों को लीवर की देखभाल व लीवर महत्व के बारे में जागरूक करना है, विश्व लीवर दिवस पहली बार 19 अप्रैल, 2010 को मनाया गया था। इसे यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ द लिवर (ईएएसएल) द्वारा स्थापित किया गया था। ईएएसएल की स्थापना की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इसे 19 अप्रैल को मनाया जाता है,वर्तमान की व्यस्त दैनिक दिनचर्या व हमारे खान पान में आए परिवर्तन के कारण हमारा लीवर कई सारी बीमारियों से ग्रस्त धीरे-धीरे होता जा रहा है लिवर को स्वस्थ बनाने के लिए योग प्राणायाम एक उत्तम विकल्प के रूप में है, आइये हम जाने की लीवर हमारे शरीर में किस प्रकार से काम करता है,लीवर रक्त से विषाक्त पदार्थों को हटाता है, जैसे कि शराब और दवाएं, लीवर पित्त नामक तरल पदार्थ का उत्पादन करता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है, लीवर ग्लूकोज को संग्रहीत करता है और आवश्यकतानुसार रक्त में रिलीज करता है,लीवर रक्त को साफ करने और शरीर में रक्त की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है,लीवर प्रोटीन का उत्पादन करता है जो रक्त में रक्त के थक्के और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं,लीवर विटामिन और खनिजों को संग्रहीत करता है जो बाद में शरीर द्वारा उपयोग के लिए आवश्यक होते हैं, लीवर हार्मोनों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है,जो हमारे शरीर की कई प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं,लीवर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, एक स्वस्थ लीवर का वजन लगभग 1.2 से 1.5 किलोग्राम के बीच होता है,लीवर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में पसलियों के पिंजरे के नीचे स्थित होता हैं, हमारे खानपान में आए परिवर्तन के कारण एवं दैनिक दिनचर्या अवस्थित होने के कारण हमारे लीवर से संबंधित कई फंक्शन डिस्टर्ब हो जाते हैं जिसके वजह से लीवर कई रोगों से ग्रस्त हो जाता है, जिसमे है, हेपेटाइटिस (Hepatitis), लिवर में सूजन की स्थिति। हेपेटाइटिस A, B, और C जैसे वायरल संक्रमण, शराब का सेवन, या ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है, सिरोसिस (Cirrhosis) लिवर में निशान पड़ने की स्थिति। यह लिवर में सूजन और क्षति के कारण हो सकती है, जिससे लिवर का कार्य प्रभावित होता है, फैटी लिवर रोग ,लिवर में वसा का जमा होना। यह शराब के सेवन, मोटापा, और मधुमेह के कारण होता है, लिवर कैंसर मैं कोशिकाओं का अनियंत्रित रूप से बढ़ना। यह सिरोसिस या हेपेटाइटिस बी या सी के कारण हो सकता है,लिवर की विफलता (Liver Failure) लिवर के कार्य में अचानक या धीरे-धीरे कमी होना। यह गंभीर लिवर की बीमारियों या दवाओं के अत्यधिक सेवन के कारण हो सकता है, लिवर की बीमारी के कुछ कारण हमारे सामने नजर आये है जिनमे वायरल संक्रमण, हेपेटाइटिस A, B, और C, अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा और मधुमेह इन स्थितियों से फैटी लिवर रोग हो सकता है, जब लीवर का कार्य डिस्टर्ब होता या धीरे धीरे लीवर रोगों से ग्रस्त होने लगता हैं तो उसके कुछ लक्षण हमारे सामने नजर आते हैं, पीलिया (Jaundice) त्वचा और आंखों का पीला पड़ना,पेट में दर्द, सूजन, और बेचैनी, लगातार थकान या कमजोरी, भूख न लगना भूख में कमी, पैरों और टखनों में सूजन, खुजली वाली त्वचा, गहरे रंग का मूत्र, पीला मल, आसानी से चोट लगना और रक्तस्राव, अगर अर्ध रात्रि के समय गहरी नींद(12 से 3) में अचानक से हमारी नींद खुलने लगे और यह लगातार हर वीक में दो या तीन बार होता हो तो आप समझ लीजिए आपके लवर से संबंधित कोई बड़ी बीमारी होने वाली है, लीवर से संबंधित रोगों से बचाव के लिए हमें हमारे दैनिक दिनचर्या व भोजन में परिवर्तन कर योग प्राणायाम को अपने जीवन में स्थान देना चाहिए लीवर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण योग अभ्यास है, धनुरासन,भुजंगासन,अधोमुख श्वानासन, नौकासन,हलासन, कपालभति,नाड़ी शोधन प्राणायाम, धनुरासन:- यह आसन लिवर को स्ट्रेच करता है और सक्रिय बनाता है, भुजंगासन:- यह आसन भी लिवर को एक्टिव और स्ट्रेच करता है, अधोमुख श्वानासन-: यह आसन लीवर में सूजन को कम करता है और बाइल उत्पादन को बढ़ाता है, नौकासन-: यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है और लिवर के कार्यों में सुधार करता है, हलासन:- यह आसन रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है, जिससे लिवर के स्वास्थ्य में सुधार होता है, कपालभाति-: यह क्रिया शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और लिवर को हेल्दी बनाता है, अनुलोम-विलोम-: यह प्राणायाम शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है,जिससे लिवर को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिलती है, आइये हम सब मिलकर इस लिवर दिवस पर शपथ लें कि हम हमारे लीवर को पूर्णतया स्वस्थ बनाकर रखेंगे और योग प्राणायाम को हमारी दिनचर्या में स्थान देंगे जिससे कि हमारा लीवर और हम पूर्ण रूप से स्वस्थ रहे,

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