मैहर विधायक के प्रयास पर पानी फेर रहा संविदाकार ,मां शारदा कंस्ट्रक्शन कंपनी सतना के ठेकेदार का बड़ा कारनामा , मैहर विधायक ने निरीक्षण के दौरान लगाई फटकार कहां बिल्डिंग निर्माण में गुणवत्ता में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं

दिनेश यादव मैहर

मैहर विधायक के प्रयास पर पानी फेर रहा संविदाकार ,मां शारदा कंस्ट्रक्शन कंपनी सतना के ठेकेदार का बड़ा कारनामा , मैहर विधायक ने निरीक्षण के दौरान लगाई फटकार कहां बिल्डिंग निर्माण में गुणवत्ता में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं !

मैहर ज्ञात हो कि विगत दिनों ग्राम पंचायत ककरा के अलावा तीन अन्य क्षेत्रों में आयुष्मान आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र का भूमि पूजन मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी द्वारा किया गया था इन स्थलों पर चार जगह स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग बननी थी जिसके एक बिल्डिंग की निर्माण लागत 65 लख रुपए की स्वीकृति प्रदान हुई थी जिसका ठेका ठेकेदार मां शारदा कंस्ट्रक्शन कंपनी सतना को मिला जो एक कांग्रेस की नेत्री का बड़ा करीबी बताया जाता है ठेकेदार द्वारा भूमि पूजन के बाद निर्माण कर शुरू कर दिया गया लेकिन देखा जाए तो बिल्डिंग के गुणवत्ता के साथ काफी छेड़छाड़ की गई है घटिया गुणवत्ता से निर्माण बिल्डिंग को लेकर के क्षेत्रीय जनता और ग्रामीण जनों ने कई बार शिकायत की जिसको लेकर मैहर विधायक निरीक्षण करने पहुंचे जहां पर देखा गया कि काम में काफी गुणवत्ता विहीन किया जा रहा था घटिया क्वालिटी के ईंटें और कम मात्रा में निर्माण के उपकरण की सामग्री लगाई जा रही थी

जिसको देखते ही मैहर विधायक ने ठेकेदार को फटकार लगाते हुए पुन निर्माण करने की बात कही है इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री के पास निरीक्षण करने तक का समय नहीं इस मामले को उजागर होने के बावजूद अब तक स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री ने ठेकेदार के प्रति किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री अनीता द्विवेदी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान भी पाया गया था कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी देखी गई थी मौके पर डस्ट पाई गई थी इसके साथ ही काम में सफाई और घटिया क्वालिटी के ईटों का उपयोग किया जा रहा था जिसको लेकर ठेकेदार को नोटिस दिया गया है और काम सुधारने की हिदायत दी है जबकि देखा जाए तो ठेकेदार द्वारा अब तक मिला नोटिस करना तो कोई जवाब दिया गया है और ना ही कार्यों में गुणवत्ता की सुधार किया गया इस मामले में विभाग द्वारा भी कागजों पर कई घोड़े दौड़ने के सिवाय ठोस कदम नहीं उठाए गए देखा जाए तो इंजीनियर की यह लापरवाही किसी बड़ी घटना का रूप ले सकती है ।

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