जनपद पंचायत जबेरा की ग्राम पंचायत सगरा का मामला ,तालाबों में हो रही सिंघाड़े की खेती, रोजगार सहायक एवं उपयंत्री ने कागजों में बताया गहरीकरण
दमोह।मामला जबेरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सगरा का है जहां केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के तहत तालाबों के गहरीकरण लाखों रुपए की लागत से किया जाना स्वीकृत हुआ था ताकि गांव में रह रहे ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में इन तालाबों का लाभ मिल सके। जल संरचनाओं पर खर्च की जाने वाली राशि का ग्रामीणों को लाभ तो नहीं मिला इसके उलट सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं उपयंत्री ने उक्त राशि का बंदरबांट आपस में ही कर लिया गया। तीन तालाबों हेतु लगभग 50 लाख रुपए की राशि इनके गहरीकरण एवं जीर्णोद्धार पर खर्च की जाने थी परंतु मीडिया टीम द्वारा जब मौके पर जाकर देखा गया तो तीनो तालाब में से किसी में भी कोई गहरीकारण का कार्य नहीं किया गया है। मजे की बात तो यह है कि फर्जी मस्टर अपलोड कर जिन तालाबों में गहरीकरण का कार्य प्रगतिरत बताया जा रहा है मौके पर वहां सिंघाड़े की खेती की जा रही है। मीडिया दल को अपनी सिंघाड़े की खेती में से सिंघाड़े देते हुए बताया यहां कई सालों से तालाब का कोई भी कार्य नहीं किया गया है।
सगरा पंचायत में एक तालाब भूमिया खोरा तालाब मोहरा ग्राम में मौके पर तो कोई भी कार्य चलता हुआ नहीं देखा जबकि फर्जी मस्टर अपलोड कर 50 से 60 मजदूरों को यहां कार्यरत दिखाया गया है।इस तालाब में स्वीकृत राशि 9 लाख 87 हजार में से 7 लाख 25 हजार की राशि निकाली जा चुकी है। इसी प्रकार भटिया ग्राम में स्थित पटपरा तालाब में भी मौके पर कोई कार्य करता हुआ मजदूर नहीं पाया गया जबकि इस तालाब में भी स्वीकृत राशि 9 लाख 85 हजार में से 6 लाख 53 हजार रुपए की राशि आहरित की जा चुकी है।
ग्रामीणों की माने तो उनका कहना है कि पिछले कुछ सालों में भी यहां कोई भी तालाब उन्नयन गहरीकरण का कार्य नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि हमने तो कभी उपयंत्री को यहां देखा ही नहीं है।जनपद कार्यालय के अलावा क्षेत्र में भी अपनी कम उपस्थिति दर्ज कराने वाले उपयंत्री नितेश असाटी इस पंचायत के प्रभारी हैं। जब उपयंत्री असाटी से इस विषय में जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि मौके पर मजदूर उपस्थित रहते हैं हम आपको दिखा भी सकते हैं जबकि मीडिया टीम के पास लोकेशन के साथ-साथ ग्रामीणों के वक्तव्य भी मौजूद है।
अब देखने वाली बात यह है कि बार-बार अपनी काठ की हांडी चढ़ाने वाले उपयंत्री नितेश असाटी एवं ग्राम रोजगार सहायक पर क्या कार्यवाही की जाती है एवं ग्रामीणों को अपने हिस्से की सुविधाएं कब नसीब होंगी।
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