नरेन्द्र राय रायसेन
एक प्रयोगशाला में होती है जांच, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्णय से बढ़ी उम्मीदें,7 साल से छह प्रयोगशालाओं में बंद है विभाग में सिर्फ कागजों मिट्टी की सेहत की जांच सिमटी

इनका कहना है……
जिला स्तर पर स्थापित प्रयोगशाला में जिलेभर से मिट्टी के नमूने बुलवाकर जांच की जाती है। जिसके साइलो हैल्थकार्ड किसानों को दिए जाते हैं। उसी के अनुसार अनुशंसा भी की जाती है। चालू साल में 17 हजार नमूनों की जांच का लक्ष्य है। विकासखंड स्तर पर प्रयोगशाला भवन तैयार हैं, मशीनें भी उपलब्ध हैं। इनमें स्टॉफ आते ही शुरू कर सकते हैं।दुष्यंत धाकड़, सहा उपसंचालक कृषि अधिकारी रायसेन

रायसेन. लगभग आठ साल पहले शासन ने प्रदेश के हर विकासखंड मुख्यालय पर किसानों के खेतों की मिट्टी की सेहत की जांच करने प्रयोगशालाओं की स्थापना की थी। जिसके लिए एक भवन और जांच के लिए मशीन, कंप्यूटर आदि की व्यवस्था भी की थी।लेकिन विभागीयअधिकारियों की मनमानी और लापरवाही के कारण अधिकांश मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाऐं कागजों में ही चल रही हैं।











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