मां नर्मदा शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा में राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

Sj न्यूज़ सोण्डवा तहसील रिपोर्टर  मोहसिन मंसूरी की रिपोर्ट

मां नर्मदा शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा में राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

अलिराजपुर (सोंडवा) – मां नर्मदा शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा में मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शिक्षा में प्रौद्योगिकी का महत्व एवं संभावनाएं विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन दिनांक 27 मई, 2024 को किया गया। वेबीनार की संयोजक सुश्री नीलम पाटीदार ने मुख्य वक्ताओं और समस्त प्रतिभागियों का स्वागत किया और अपने उद्बोधन में कहा कि राष्टीय शिक्षा नीति, 2020 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस दिशा में उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश भी प्रयासरत है।

विभाग द्वारा महाविद्यालयों में वेबीनार का आयोजन और शोध पुस्तिकाओं के प्रकाशन के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. गीतांजली वर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया तथा राष्ट्रीय वेबीनार के उद्देश्य पर अपने विचार रखे। वेबीनार के प्रथम वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिषेक कुमार सिंह ने समावेशी शिक्षा, शिक्षा में विभिन्न तकनीकों के प्रयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चैट जीपीटी, एकेडमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट, SWYAM, जीवन कौशल प्रोग्राम आदि के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को बुनियादी संवाद और आधारभूत शिक्षा के साथ तकनीक का प्रयोग कर सिखाया जाना चाहिए। तकनीक व्यक्ति को सशक्त बनाती है परंतु इसका उपयोग नैतिक तौर पर करना चाहिए। आजकल हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक का दुरुपयोग समाज में देख रहे है इसको रोकने के लिए एक गवर्निंग बॉडी की आवश्यकता है। यदि टेक्नोलॉजी का प्रयोग सही तरीके से सही उद्देश्यों के लिए किया जाए तो हम जीवन सभी क्षेत्रों में इसका उपयोग कर प्रगति कर सकते हैं। वेबीनार के द्वितीय वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तरप्रदेश के सहायक प्राध्यापक डॉ. विनय कुमार ने अपने उद्बोधन में शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययन तथा अध्यापन में आधुनिक तकनीक किस प्रकार उपयोगी है पर चर्चा करते हुए विभिन्न शिक्षा मॉडल्स, ऑनलाईन शिक्षा के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स तथा इसके महत्व, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लाभ और दैनिक जीवन में इसका उपयोग, चैट जीपीटी के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने परमरागत शिक्षा में तकनीक का प्रयोग, तकनीकी शिक्षा की चुनौतियों और भारत में तेजी से बढ़ती इसकी संभावनाओं के बारे में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऑनलाईन शिक्षा ने कई बुनियादी बदलाव किए है जिसके लिए हमें तैयार रहकर नई तकनीक का लाभ उठाना चाहिए। इसके पश्चात प्राध्यापकों और शोधार्थियों ने पेपर प्रस्तुत किए। वेबीनार के अंत में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. मुकेश अजनार ने वक्ताओं और समस्त प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। वेबीनार के सहसंयोजक श्री सायसिंग अवास्या, तकनीकी समिति से डॉ. विशाल देवड़ा, प्रबंधन समिति से श्री राजेश बारिया, सुश्री तबस्सुम कुरैशी, श्री मोहनकुमार डोडवे व समस्त महाविद्यालयीन स्टॉफ का सहयोग रहा।

About Author

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!