जैनत्व संस्कार शिविर में समाज के बच्चे सीख रहे हैं धर्म की शिक्षा देव दर्शन एवं पूजा अर्चना करना, देव शास्त्र गुरु की पूजा अर्चना कर हम हमारे जीवन को सफल बनाएं, ,,पंडित अश्विन नानावटी
जैनत्व संस्कार शिविर में समाज के बच्चे सीख रहे हैं धर्म की शिक्षा देव दर्शन एवं पूजा अर्चना करना, देव शास्त्र गुरु की पूजा अर्चना कर हम हमारे जीवन को सफल बनाएं, ,,पंडित अश्विन नानावटी,,
खंडवा।। समाज के बच्चों को धर्म की शिक्षा से संस्कारित करने बड़ों के लिए धर्म का ज्ञान अर्जन करने के उपदेश को लेकर के लिए प्रतिवर्ष दिगंबर जैन मुमुक्ष मंडल एवं महिला मंडल द्वारा जैनत्व संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है, सराफाजैन धर्मशाला में भगवान की प्रतिमा विराजमान कर शिविर एवं मंडल विधान की पूजा प्रतिदिन भक्ति और उत्साह साथ की जा रही है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि सात दिवसीय इस शिविर में बांसवाड़ा के प्रधानाचार्य एवं प्रवचन करता पंडित अश्विनी नानावटी के मार्गदर्शन में शिविर अध्यापक आयुष चौधरी दिल्ली, ईशान शास्त्री उदयपुर, मोहित शास्त्री खरेडी, नीता लोहाडिया खंडवा द्वारा समाज के बच्चों को देव दर्शन,
अभिषेक नित्य नियम पूजा विधि एवं धर्म की शिक्षा से संस्कारित किया जा रहा है, बच्चों उत्साह के साथ के साथ धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध नगरी खंडवा नगरी में 19वा बाल संस्कार शिविर व बृहद द्रव्य संग्रह मंडल विधान बड़े ही धार्मिक वातावरण में बच्चों के सदाचार नैतिकता खान-पान देव शास्त्र गुरु के प्रति अहो भाव किस प्रकार रखना आदि कई मार्मिक विषयों के माध्यम से बच्चों के साथ में युवा वृद्ध सभी संस्कारों के माध्यम से अद्भुत ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं, बांसवाड़ा से पधारे पंडित अश्विनी नानावटी ने प्रवचन देते हुए कहा कि भगवान विश्व के मात्र ज्ञाता है करता नहीं ऐसी विश्व व्यवस्था के माध्यम से छह द्रव्यों की सुंदर कक्षाओं के माध्यम से यह विश्व अनादि अनंत स्वयं निर्मित है, किसी ने बनाया नहीं है, तो कोई मिटा भी नहीं सकता है यह विश्व स्वयं सिद्ध है अनादि अनंत रूप है ऐसी विश्व व्यवस्था जानने से क्रमबद्ध पर्याय पर अटूट विश्वास के साथ में सच्चे देव शास्त्र गुरु पर श्रद्धा भी दृढ़ होती है और मैं एक शुद्ध बुद्ध उपयोग स्वरूप भगवान आत्मा हूं ऐसा श्रद्धान होता है। जो जीव अपनी आत्मा को जानेगा श्रद्धा करेगा उसमें लीन होगा वह जीव सम्यक दर्शन प्राप्त कर मुनी व्रत धारण कर अल्पकाल में मोक्ष की प्राप्ति करेगा, पंडित जी ने कहा कि बड़े भाग्य से हमें जैन कुल प्राप्त हुआ है इसका सदुपयोग कर देव शास्त्र गुरु की पूजा अर्चना कर हमारे जीवन को सफल बनाएं साथ ही हमारे बच्चों को धर्म की शिक्षा धर्म की संस्कृति से जुड़े रहे, सुनील जैन ने बताया कि ऐसे अद्भुत सिद्धांतो प्रतिपादन बांसवाड़ा राजस्थान से पधारे पंडित श्री अश्विन जी नानावटी जैनदर्शनाचार्य ने अपने विचार व्यक्त किये, शिक्षण शिविर एवं प्रवचन मंडल विधान की पूजा में प्रतिदिन बच्चों सहित 300 शिविरार्थी धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
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