नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता, देश की पहली महिला शिक्षिका की जयंती,द्वारीका न्यू अभिनव समिति ने गुना में धूम धाम से मनाई

मोहन शर्मा गुना

*नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता, देश की पहली महिला शिक्षिका की जयंती* *द्वारीका न्यू अभिनव समिति ने गुना में धूम धाम से मनाई*

 

संस्था द्वारका न्यू अभिनव एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट समिति की सचिव श्रीमती विनीता पवार ने बताया छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए मार्गदर्शन किया

 

महाराष्‍ट्र के सतारा जिले के छोटे से गांव में जन्‍मी सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों की शिक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और खुद शिक्षित होकर लड़कियों के लिए देश का पहला महिला विद्यालय खोला. आज उनके जन्‍मदिन पर जानिए सावित्रीबाई फुले के संघर्ष की कहानी

 

विवाह के बाद की पढ़ाई

9 साल की उम्र में सावित्रीबाई फुले की शादी ज्योतिराव फुले से हो गई. जब उनका विवाह हुआ तब वे अशिक्षित थीं और उनके पति ज्योतिराव फुले तीसरी कक्षा में पढ़ते थे. सावित्रीबाई ने जब उनसे शिक्षा की इच्‍छा जाहिर की तो ज्‍योतिराव ने उन्‍हें इसकी इजाजत दे दी. इसके बाद उन्‍होंने पढ़ना शुरू किया. लेकिन जब वो पढ़ने गईं तो लोग उन पर पत्‍थर फेंकते थे, कूड़ा और कीचड़ फेंकते थे. लेकिन उन्‍होंने हार नहीं मानी. हर चुनौती का डटकर सामना किया.

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