जायज मांगें पूरी करने प्रदेश केंद्र की मोदी सरकार और जिला स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को नहीं कोई चिंता,जिला मुख्यालय पर सीटू मंडीदीप के बैनर तले आशा, ऊषा पर्यवेक्षकों की अनिश्चितकालीन हडताल

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ Sj न्यूज एमपी रायसेन

लोकेशन :- रायसेन

रायसेन।स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी आशा उषा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों की हड़ताल लगातार सत्रहवें रोज भी जारी रही।उनके आंदोलन की राह अब रफ्तार पकड़ती जा रही है।तेजी से बढ़ती कमरतोड़ महंगाई के बीच आशा कार्यर्ताओं को अल्प वेतन में घर खर्च चलाने को मजबूर होना पड़ रहा है।प्रदेश में मातृ मृत्यु को रोकने से लेकर महामारियों के रोकथाम एवं आमजनता की स्वास्थ्य की रक्षा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से काम कर रही आशा ऊषा पर्यवेक्षकों ने शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने मजदूर यूनियन सीटू के बैनर तले संगठन की जिलाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर की रहनुमाई में जिला मुख्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक महारैली निकाली और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में प्रदेश सरकार को आगाह करते हुए बताया कि शिवराज सरकार होश में आओ।, जीने लायक वेतन की मांग को लेकर 15 मार्च 2023 से चल रही प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हडताल आज 27 वें दिन भी जारी रही.


रायसेन जिले के विभिन्न ब्लाकों से एकत्रित सैकडों आशा ऊषा पर्यवैक्षकों ने लाड़ली लक्ष्मी वाटिका पार्क के पास एकत्रित होकर नुक्कड़ सभा आयोजित की. नुक्कड़ सभा को आशा ऊषा आशा सहयोगी एकता यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ए टी पदमनाभन, राज्य कोषाध्यक्ष बलवंत डांगे, संगठन की जिला अध्यक्ष कृष्णा ठाकुर, महासचिव कमला विश्वकर्मा, रुची जैन, वनदेवी पटवा, सीमा, सताता कुशवाहा सहित एक दर्जन आशा एवं पर्यवेक्षकों ने सम्बोधित किया.
प्रमुख ववक्ताओं ने सरकारों पर बीभ आरोप लगाया कि पिछले 16 वर्षों से केन्द्र एवं राज्य सरकार आशाओं का शोषण कर रही है. अन्य राज्य सरकारें 8000 रुपये तक अपनी ओर से मिलाकर आशाओं को 10,000 रुपये तक मानदेय दे रही है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आशाओं को कुछ नही दे रही है. आशाओं ने 24 जून 2021 को मिशन संचालक द्वारा दिये गये अनुशंसा को लागू कर आशा को 10,000 एवं पर्यवेक्षकों को 15,000 रुपये निश्चित वेतन तुरंत देने की मांग की.
आशाओं की अन्य मांगों में आशा ऊषा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित करने, तब तक न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये करने, भविष्य निधि, ई.एस. आई.,ग्रेच्युटी,पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की मुख्य मांग के अलावा आशाओं के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोकने, अब तक काटी गई सभी राशियों का एरियर सहित भुगतान करने, आशाओं के द्वारा की गयी कोविड वैक्सीनेशन ड्यूटी,डी पी टी बूस्टर वैक्सीन,एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन, निर्वाचन कार्य सहित सभी कामों का बकाया प्रोत्साहन राशियों का भुगतान करने, प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करने, विभाग द्वारा निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य नही कराने पर रोक लगाने, आशा एवं पर्यवेक्षको को वेतन सहित 20 आकस्मिक अवकाश देने एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाने, वेतन सहित रविवार को सप्ताहिक अवकाश देने, कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधायें देने, बिना किसी जांच के आशाओं की सेवा समाप्ति पर रोक लगाने, निष्क्रिय आशा बताकर आशाओं की सेवा समाप्ति की रोकने, जबरन अनुचित तरीके से सेवा समाप्त की गई सभी सक्रिय आशाओं को बहाल करने, पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किये बिना आशा एवं पर्यवेक्षकों को सेवानिवृत्त न करने, ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सभी पीएचसी, सीएचसी और अस्पतालों में सुरक्षित एवं सुविधायुक्त ‘आशा रूम उपलब्ध कराने की मांग शामिल है.
ऊषा आशाओं ने सभा स्थल से रैली निकाल कर कलेक्ट्रैट पहुंच कर पहले मुख्यमंत्रीशिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा फिर सीएमएचओ कार्यालय पहुंच कर पुन: ज्ञापन सोंपा और विभागीय अधिकारियों से चर्चा की.ऊषा आशाओं ने चेतावनी देते हुए न्यायपूर्ण वेतन का निर्णय होने तक हडताल जारी रखने का एलान भी किया है।उन्होंने यह भी कहा कि सरकारों से इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।

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