ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी
लोकेशन रायसेन

एक साल में जमीन को आवासीय से व्यावसायिक में बदलने का एक भी आवेदन नहीं आया,कॉलोनियों में खुल गए शोरूम-गोदाम, कोचिंग सेंटर जाम और शोर ने लोगों का छीना चैन
रायसेन।शहर की पॉश कालोनियों रहवासी इलाकों में कोचिंग सेंटर से लेकर शोरूम, ट्रांसपोटिंग ऑयल मिलें व्यावसायिक कारोबार धड़ल्ले से चल रहे हैं।जिससे इनके शोर शराबे की वजह से लोग परेशान हैं।
मामला-1 : शहर के वार्ड 11 पटेलनगर मुखर्जीनगर और वार्ड 12 शिवोम नगर कालोनियां सहित अर्जुननगर वार्ड 15 ,यशवंत नगर वार्ड 12 पॉश कालोनियों में शुमार हैं। यहां लोगों ने रहने के लिए मकान खरीदे। कुछ लोगों ने होटल,गेस्ट हाउस,गोदाम बना लिए। किसी ने घर में ही किराना दुकान खोल ली। अब कॉलोनी में रोज लोडिंग अनलोडिंग व अन्य काम से भारी वाहन आते हैं। काफी देर तक बीच रोड पर ही सामान चढ़ाते व उतारते हैं। कई बार आमने सामने से दो लोडिंग वाहन खड़े होने पर लोगों को दूसरे रास्ते से घूमकर निकलना पड़ता है। विवाद की स्थिति भी बनती है।
मामला-2 : पटेल नगर तजपुरा रोड़ वार्ड 13 में नपा रायसेन ने आवासीय उददेश्य के लिए पट्टे दिए हैं। आपसी सांठगांठ के कारण लोगों ने नियम विरुद्ध पक्के निर्माण कर लिए। आवासीय जमीन पर दुकानें बना लीं। जिनमें एटीएम, कोचिंग, कंप्यूटर सेंटर, दुकान जैसी व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। कहीं भी पार्किंग सुविधा नहीं है। यहां आने वाले ग्राहक रोड पर वाहन खड़े करते हैं।जिससे दिनभर सड़क पर जाम लगा रहता है। सुरक्षित पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। नपा परिषद वने न तो लीज निरस्त की, न ही व्यवसायिक टैक्स वसूल रही है।
टॉपिक एक्सपर्ट
जाम के कारण दिनभर रहता है हॉर्न का शोर….
दुकानें बनने से पहले एरिया शांत था। बच्चे पेड की छांव में रोड पर ही खेलते रहते थे। अब दिन भर दरवाजों के सामने बाइक खड़ी रहती है। जाम के कारण दिनभर हॉर्न का शोर रहता है। व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ने से दुर्घटना का खतरा रहता है,इसलिए दिनभर दरवाजा बंद रखकर बच्चों को भीतर रखना मजबूरी है।
राजीव तिवारी, स्थानीय नागरिक
कुछ लोगों ने प्रॉपर्टी खरीद ली। रुपए कमाने के लिए मकानों का जरुरत अनुसार स्वरुप बदलकर दुकानें, गोदाम, गेस्ट हाउस में तब्दील कर दिया। लगेज लेकर चौबीसों घंटे वाहन आते जाते रहते हैं। जिससे सड़क उखड़ गई। पैदल चलने में भी दिक्कत होती है। रहवासी क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियां बंद होना चाहिए।
अशोक गौतम, स्थानीय नागरिक
व्यावसायिक उपयोग से सड़कें खराब होती है….”
सामान्य तौर पर आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र अलग अलग होते हैं। जिससे आवासीय इलाकों में शांत और सुरक्षित माहौल बना रहे। समय के साथ आ रहे बदलाव और परिस्थितियों के अनुसार अब लोगों ने अतिरिक्त आय के स्रोत के रूप में घर या आवासीय क्षेत्र के खाली भूखंड का व्यावसायिक उपयोग शुरू कर दिया है। आवासीय क्षेत्रों का वातावरण बदल रहा है। आवासीय और व्यसायिक क्षेत्रों की सड़कों की सुरक्षित भार वहन क्षमता अलग होती है। आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों से रोड जल्दी खराब होते हैं। नपा को टैक्स का नुकसान होता है।
नगरपालिका को सालाना करोड़ों का नुकसान……
शहर के विभिन्न आवासीय क्षेत्रों में बिना अनुमति के जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने से नगर पालिका परिषद रायसेन को सालाना करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। सूत्रों के अनुसार नपा परिषद वके रिकॉर्ड में ऐसी संपत्ति आवासीय प्रयोजन भूखंड मकान के नाम से दर्ज है। नपा इसी दर से सालाना संपत्ति कर वसूलती है। यदि नपा के रिकार्ड में जमीन के उपयोग की वास्तविक स्थिति दर्ज होती है तो नपा व्यावसायिक दर से टैक्स लेगी। जिससे उसे अधिक आय होगी। खुद नपा परिषद के जिम्मेदार यह मानते हैं कि संपत्ति कर की वसूली करने वाला अमला वसूली के दौरान निजी लाभ के चलते रिकार्ड में उस नए निर्माण की इंट्री नहीं करता है।जो अनुमति लेने के अलावा कर लिया जाता है। सूत्र बताते हैं कि नपा ने शहर का ड्रोन से सैटेलाइट सर्वे कराया है,जिससे सारी स्थिति स्पष्ट है। जल्द ही इस आधार पर टीम ग्राउंड में जाकर रिकार्ड और असल स्थिति को देखकर सुधार करेगी।जिससे नपा की आय बढ़ सके। सांसद प्रतिनिधि दीपेंद्र दीपू कुशवाह बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में ही वसूली का लक्ष्य बढ़ाने से करीब 56 लाख रुपए की अधिक राजस्व वसूली की गई।
राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार बीते एक साल के कार्यकाल में शहर के किसी भी आवासीय क्षेत्र से व्यावसायिक उददेश्य के लिए भूमि का प्रयोजन बदलने के आवेदन नहीं मिले हैं। सभी क्षेत्रों का राजस्व टीम या सैटेलाइट ड्रोन सर्वे कराकर जानकारी निकालेंगे।जिससे रिकार्ड अपडेट कर राजस्व लिया जा सके।सविता जमना सेन , नपाध्यक्ष,परिषद रायसेन
रायसेन शहर में आवासीय उददेश्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों में लोगों द्वारा ली गई जमीन का अब नगर पालिका परिषद से बिना अनुमति के अनेक लोग व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। आवासीय इलाकों में रोड किनारे दुकानें, ऑफिस, कोचिंग सेंटर, एटीएम, बैंक शाखा आदि के लिए जगह किराये पर देने से दिन में कई बार जाम लगने लगा है। जिससे लोग आवाजाही के दौरान परेशान होते हैं। वहीं नगर पालिका को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। नगरपालिका परिषद ने कहा कि एक साल में आवासीय से व्यावसायिक उददेश्य में जमीन को बदलने का आवेदन नहीं आया है।










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