अनाज व्यापारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल :11 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकाल के लिए बंद है अनाज मंडी,14वें दिन भी जारी रही बेमियादी हड़ताल,मंडी में पसरा सन्नाटा रायसेन।
ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन
रायसेन।रायसेन शहर सहित जिलेभर की कृषि उपज मंडी उप मंडियों में पिछले करीब एक पखवाड़े से अनाज व्यापारी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर है, ऐसे में जिले की अनाज मंडियां अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं।बेमियादी हड़ताल के चलते अनाज व्यापारी अनाज की खरीदी भी नहीं कर रहे हैं। वहीं अनाज मंडियों के बंद होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों को मजबूरी में मंडी के बाहर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। किसान मंडी के आसपास फुटकर गल्ला व्यापारियों के पास उपज बेचने पहुंच रहे हैं।वहीं हम्मालों तुलावटियों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
रायसेन ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के कैशराम साहू, मिथलेश सोनी अशोक कुमार सोनी कन्हैया सोनी इरफान अली, मनोज राठौर युवा गल्ला व्यापारी मनोज सोनी किशोर खत्री, शंकरलाल चक्रवर्ती, पवन राठौर फूल सिंह राठौर अशोक कुमार सोनी, विपुल सोनी ने बताया कि 11 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए अनेक बार शासन से बात की गई। कई बार प्रतिनिधि मंडल सरकार के जवाबदारों से मिला।परंतु सरकार ने हमारी परेशानियों को दूर नहीं किया। प्रदेश सरकार की उदासीनता व मंडी बोर्ड की नियंत्रण व्यवस्था से सभी व्यापारी परेशान हैं।
यही कारण है कि पिछले दिनों प्रदेश के सभी दलहन तिलहन अनाज व्यापारियों नेअपना व्यापारिक कारोबार अनिश्चितकालीन के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। संगठन के सभी पदाधिकारियों ने सभी संबंधितों से सहयोग की अपील की है। व्यापारियों की हड़ताल से कृषि उपज मंडियों में व्यापारिक कारोबार बंद ही रहेगा।
यह है किसानों की मांगें….
मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए।
कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाए।
मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए।
निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।
मंडी अधिनियम की धारा 19(2), धारा 19(8), धारा 46(ड) एवं धारा 46(च) में संशोधन-2 विलोपन किया जाए।
वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस रुपए 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए।
मंडी समितियों को धारा 17(2)(14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए।
लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म की जाए।
कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगाई जाए।
धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए।
लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।










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