लव जिहाद पर सख्ती की उठी मांग, सकल हिंदू समाज ने SDM को सौंपा ज्ञापन

लव जिहाद पर सख्ती की उठी मांग, सकल हिंदू समाज ने SDM को सौंपा ज्ञापन

गुना| प्रदेश में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर सकल हिंदू समाज ने शुक्रवार को जनाक्रोश व्यक्त करते हुए एसडीएम गुना को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, रीवा, पन्ना, कटनी, दमोह सहित अनेक जिलों में लव जिहाद की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो अब केवल सामाजिक चिंता का विषय नहीं, बल्कि गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन चुकी हैं। ज्ञापन में इन घटनाओं को एक संगठित षड्यंत्र बताते हुए आरोप लगाया गया कि योजनाबद्ध ढंग से हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर उनका मानसिक, शारीरिक व धार्मिक शोषण किया जा रहा है। इस कार्य में शामिल तत्वों के अंतरराज्यीय व संभवतः अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना जताई गई है, जिस पर तत्काल उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है।

संगठन की प्रमुख मांगों में इन मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की बात प्रमुखता से रखी गई। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि राज्य पुलिस कई मामलों में निष्क्रिय रही है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा है। कई मामलों में पीड़ित परिवार सामाजिक भय या बदनामी के डर से सामने नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में सरकार को स्वयं संज्ञान लेकर स्वतः एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।

सकल हिंदू समाज ने यह भी मांग रखी कि वर्ष 2021 से लागू ‘मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम’ को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि शैक्षणिक संस्थानों, प्रशिक्षण केंद्रों व निजी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए, ताकि अपराधी प्रवृत्ति के लोग पहचान में आ सकें। ज्ञापन में इंदौर की टेलीपरफॉर्मेंस और भोपाल के TIT संस्थान जैसे मामलों का हवाला देते हुए कहा गया कि इन घटनाओं में अक्सर नाबालिग, अनाथ या आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को निशाना बनाया जाता है, जिससे समाज की संवेदनशीलता और शासन की जिम्मेदारी दोनों पर प्रश्नचिह्न लगते हैं अंत में संगठन ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार के सुनियोजित अपराधों पर सरकार ने शीघ्र कठोर कार्यवाही नहीं की, तो प्रदेश की सामाजिक संरचना और कानून व्यवस्था पर गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपेक्षा जताई गई कि वे इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेकर त्वरित निर्णय लें। –

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