शहर में निकली नगर कीर्तन यात्रा का जगह-जगह हुआ स्वागत,सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने यात्रा का स्वागत कर कीर्तन मार्ग पर की सफाई

शेख़ आसिफ़ ब्यूरो खण्डवा

शहर में निकली नगर कीर्तन यात्रा का जगह-जगह हुआ स्वागत,सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने यात्रा का स्वागत कर कीर्तन मार्ग पर की सफाई,

खंडवा।। श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर सिख समाज द्वारा विशाल नगर कीर्तन शहर के प्रमुख स्थान से निकाला गया, गुरु गोबिन्द सिंह जन्म: पौषशुक्ल सप्तमी संवत् 1723 विक्रमी तदनुसार 22 दिसम्बर 1666- 7 अक्टूबर 1708 सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। श्री गुरू तेग बहादुर जी के बलिदान के उपरान्त 11 नवम्बर सन् 1675 को 10 वें गुरू बने। आप एक महान योद्धा, चिन्तक, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। सन् 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ (पन्थ) की स्थापना की जो सिखों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।गुरु गोबिन्द सिंह ने पवित्र (ग्रन्थ) गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में प्रतिष्ठित किया। बचित्तर नाटक उनकी आत्मकथा है। यही उनके जीवन के विषय में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होने अन्याय, अत्याचार और पापों को खत्म करने के लिए और धर्म की रक्षा के लिए मुगलों के साथ 14 युद्ध लड़े। धर्म की रक्षा के लिए समस्त परिवार का बलिदान किया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि शनिवार को श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन यात्रा निकली निकली जगह-जगह पर पुष्प वर्षा कर सामाजिक बंधुओ जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने नगर कीर्तन का स्वागत कर पंच प्यारे को माला पहनाई, मुंबई बाजार एवं घंटाघर पर गणेश धाम परिवार द्वारा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल सेवादास पटेल, र धर्मेंद्र बजाज, सुनील जैन, पाट्टू भैया, प्राणेश बजाज, सोमनाथ काले, दिलीप आर्य, मनोज मिश्रा, संजय राणा दिलीप सूर्या, प्रदीप यादव बालकृष्ण करोड़ी, चंद्रेश पचौरी, प्रहलाद वर्मा, द्वारा नगर कीर्तन यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया, इस अवसर पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कीर्तन मार्ग पर अपने हाथों से सफाई भी की।

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