रायसेन जिले के अशासकीय स्कूल एक दिन के लिए रहे बंद:चेतावनी -25 सितंबर तक मांगे नहीं हुई स्वीकार तो 27 को भोपाल में करेंगे प्रदर्शन,स्कूल परिसर में दिनभर छाया रहा सन्नाटा

रायसेन जिले के अशासकीय स्कूल एक दिन के लिए रहे बंद:चेतावनी -25 सितंबर तक मांगे नहीं हुई स्वीकार तो 27 को भोपाल में करेंगे प्रदर्शन,स्कूल परिसर में दिनभर छाया रहा सन्नाटा

 

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

 

लोकेशन रायसेन

 

रायसेन। अशासकीय स्कूल और शिक्षण संस्थाएं अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिन के लिए बंद

है। जिसमें पूरे मध्य प्रदेश के सीबीएसई और एमपी बोर्ड के 37 हजार स्कूल शामिल है। सोमवार को स्कूलों में ताला लगा रहा। सोसाइटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर संस्था के आह्वान पर इसकी सूचना स्कूल संचालकों द्वारा शनिवार को ही ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को दे दी थी।

संचालकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है, अगर 25 सितंबर तक मांगे स्वीकार नहीं की गई तो 27 सितंबर को भोपाल में एकत्रित होकर संस्था के अधिकारियों प्रदेश में बेहतर तरीके से स्कूल संचालन के निमित्त आवश्यक संकल्प लेंगे।निजी स्कूलों में एक दिनी हड़ताल का असर जिला मुख्यालय के अशासकीय स्कूलों में साफ नजर आया।सुबह से ही स्कूलों में ताले लटके दिखाई दिए।दोपहर बाद तक सन्नाटा पसरा नजर आया।सुबह के वक्त कुछ प्रायवेट स्कूल के संचालक स्कूलों को बंद कराने के लिए नारेबाजी करते हुए बाइकों पर सवार होकर घर से समर्थन जुटाने निकले।

प्रायवेट स्कूलों की यह है प्रमुख मांगे…..

 

(1) 2022 – 23 का आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की राशि इस माह 25 सितंबर 2023 तक वन क्लिक के माध्यम से जारी की जाये।

(2) 2016 से 2021 तक पोर्टल प्रपोजल जमा करने के लिए

पुनः खोला जाये। जो बच्चे पूर्व में अपात्र किए गए जिन्हें स्कूल से अकारण हटाया गया है। जिन बच्चों के प्रपोजल नहीं बन पा रहे हैं उनका भौतिक सत्यापन कराकर आरटीई का भुगतान अविलंब किया जाए।

(3) आरटीई की राशि अन्य राज्यों के बराबर दी जाये। सरकार पहले तो 10% राशि बढ़ाकर आरटीई का भुगतान करती थी अब तो कटौती कर 5% कर दिया। यह भेदभाव पूर्ण नीति बद कर राशि बढ़ाई जाए।

(4) तीन साल स्कूल संचालन के बाद विद्यालयों को स्थायी मान्यता प्रदान की जाए।

(5) सरकार अपनी भेदभावपूर्ण नीति वापस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्चों को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के टॉप बच्चों को भी स्कूटी प्रदान की जाए साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं में भी हमारे अशासकीय स्कूलों के बच्चों को भी शामिल करें।

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